
भोपाल। पूरे देश पर बिजली संकट (power crisis) का खतरा मंडरा रहा है। कोयले की कमी (shortage of coal) की खबरों ने राज्यों की चिंताएं बढ़ा दी हैं इस बीच मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Madhya Pradesh Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) ने दावा किया कि राज्य बेहतर स्थिति में है, यहां कोयले की कोई कमी नहीं है।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने अपने बिजली स्टेशनों (Power Stations) के लिए आठ मीट्रिक टन कोयले की खरीद (Purchase of eight metric tonnes of coal) के लिए निविदाएं जारी की हैं। उन्होंने राज्य की दैनिक बिजली की मांग को पूरा करने का दावा करते हुए कहा कि संकट राष्ट्रीय स्तर पर है, और मध्यप्रदेश इस समय बेहतर स्थिति में है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने दी थी चेतावनी
विशेषज्ञों ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय व अन्य एजेंसियों की तरफ से जारी कोयला उपलब्धता के आंकड़ों का आकलन कर यह चेतावनी दी थी। मंत्रालय ने कहा था कि देश के 135 थर्मल पावर संयंत्रों में से 72 के पास महज तीन दिन और बिजली बनाने लायक कोयला बचा है।
केंद्र सरकार ने बनाई निगरानी समिति
केंद्र ने स्टॉक की सप्ताह में दो बार समीक्षा के लिए कोयला मंत्रालय के नेतृत्व में समिति बनाई है। केंद्रीय बिजली प्राधिकरण, कोल इंडिया लि, पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन, रेलवे और ऊर्जा मंत्रालय की भी कोर प्रबंधन टीम बनाई गई है, जो लगातार निगरानी कर रही है।
बिजली आपूर्ति में व्यवधान आने का कोई खतरा नहीं है
संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक ट्वीट में कहा कि देश में कोयला उत्पादन और आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की गई है। बिजली आपूर्ति में व्यवधान आने का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया के पास 24 दिनों की कोयले की मांग के लिए 430 लाख टन कोयले का स्टॉक रखा हुआ है। अफवाहों के चक्कर में न पड़ें। थर्मल पावर प्लांट्स में रोलिंग स्टॉक दैनिक आपूर्ति के साथ भरा जा रहा है।
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