
प्रमुख सचिव ने जारी किया स्पष्टीकरण
इंदौर। शासन (Government) को तहसीलदारों (Tehsildars) के विरोध के चलते यूटर्न (U-turn) लेना पड़ा और प्रमुख सचिव राजस्व ने स्पष्ट किया कि कोई भी राजस्व न्यायालय (revenue court) को बंद नहीं किया जाएगा और वे पहले की तरह ही काम करते रहेंगे।
जिन 12 जिलों में तहसीलदारों से राजस्व न्यायालय और लॉ एंड ऑर्डर का काम अलग-अलग कराने का फैसला किया गया। वहां पर शुरुआती दौर में 31 जुलाई तक यह व्यवस्था लागू रहेगी और जो कमियां सामने आएगी उसे सुधारकर 1 अगस्त से प्रदेश में लागू करेंगे। उक्त तहसीलों को मर्ज करने का भी तहसीलदार संघ ने विरोध किया, जिसके चलते कल आश्वासन मिला कि कोई भी कोर्ट कम नहीं की जा रही है। दरअसल, राजस्व आयुक्त के पत्र से यह भ्रम की स्थिति बनी, जिसमें कहा गया था कि न्यायालय तहसीलदार और न्यायालय नायब तहसीलदार को इंटिग्रेट कर सिर्फ एक ही तहसीलदार न्यायालय रखा जाएगा और सभी उपतहसीलों को तहसील कार्यालयों में समायोजित किया जाएगा, जिसके चलते राजस्व न्यायालयों की संख्या घटना तय था और इंदौर सहित प्रदेशभर में इसका विरोध भी किया गया।
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