
नोएडा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा (Noida-Greater Noida) में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों (Rohingya and Bangladeshi) को खोजने के लिए गौतमबुद्धनगर पुलिस (Gautam Buddha Nagar Police) ने बीते दिनों सर्च ऑपरेशन चलाया। इसमें चार हजार से अधिक लोगों का वेरिफिकेशन किया गया। इनमें संदिग्ध मिले 400 से अधिक लोगों का डेटा वेरिफिकेशन के लिए गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने संबंधित प्रदेश के जिला प्रशासन को भेजा है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी जिलों को बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद से ही एलआईयू और पुलिस की टीमों ने गौमबुद्धनगर में रहने वाले संदिग्ध लोगों की जांच करनी शुरू कर दी थी। टीमों ने उनके घर पर जाकर आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र से जांच की। साथ ही आसपास के लोगों से भी संदिग्ध लोगों के बारे में पता किया।
इसके आधार पर टीम ने जिले में रहने वाले करीब 400 से अधिक लोगों को संदिग्ध मानते हुए वेरिफिकेशन कराने की संस्तुति की। टीम का कहना है कि जो लोग संदिग्ध मिले हैं, उनके गृह जनपद से वेरिफिकेशन करा लिया जाए। यह पता किया जाए कि उनके पास जो दस्तावेज हैं, वह असली हैं या फर्जी।
इन लोगों के वेरिफिकेशन के लिए पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, झारखंड, छत्तीसगढ़ समेत अन्य प्रदेशों के जिला प्रशासन को पत्र लिखे गए हैं। नोएडा जोन के डीसीपी यमुना प्रसाद ने बताया कि चार हजार से अधिक लोगों की जांच की।
400 से अधिक लोगों के सत्यापन के लिए संबंधित प्रदेश के जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया था। 200 से अधिक लोगों की वेरिफिकेशन रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। अभी तक कि रिपोर्ट में किसी भी अवैध रोहिंग्या या बांग्लादेशी की पुष्टि नहीं हुई है।
फरवरी में पकड़े जा चुके 11 बांग्लोदशी
बीते दिनों सेक्टर-39 थाना पुलिस ने सलारपुर स्थित एक मकान में छापा मारा था। यह मकान सुमित भाटी का था। पुलिस को मुखबिर से पता चला था कि यहां पर बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे थे। इस सूचना पर पुलिस ने छापा मारा तो तीन बांग्लादेशी भाग गए थे। इनका पीछा किया तो वह छत से कूद गए थे। हालांकि पुलिस ने घेराबंदी कर 11 बांग्लादेशियों को पकड़ लिया था। सभी को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था। इसके अलावा कई थानों की पुलिस ने एक-एक बांग्लादेशी को पकड़ा था।
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