
प्योंगयांग। उत्तर कोरिया ने सोमवार को पहली बार ये स्वीकारा कि उसने यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में रूस की मदद के लिए अपने सैनिक भेजे थे। गौरतलब है कि यूक्रेन, दक्षिण कोरिया और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने ये दावा किया था कि उत्तर कोरिया ने रूस की मदद के लिए अपने करीब 10 हजार सैनिक भेजे हैं, जिन्होंने मोर्चे पर रूस की तरफ से लड़ाई लड़ी थी। इसे लेकर खूब हंगामा हुआ, लेकिन उत्तर कोरिया की तरफ से अभी तक ये बात स्वीकार नहीं की गई थी। अब पहली बार उत्तर कोरिया ने यह स्वीकार किया है।
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के हवाले से एक बयान जारी कर बताया कि ‘सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने रूस के साथ साझा रक्षा संधि के तहत अपने सैनिक भेजने का फैसला किया। इस फैसले का उद्देश्य यूक्रेन के नव-नाजी कब्जेदारों को तबाह करना और रूसी सशस्त्र बलों की मदद से कुर्स्क क्षेत्र को आजाद कराना था। उत्तर कोरिया के सैनिक न्याय के लिए लड़े और वे हमारे नायक हैं, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के सम्मान का प्रतिनिधित्व किया।’
उत्तर कोरिया की स्वीकारोक्ति के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी उत्तर कोरियाई सैनिकों को धन्यवाद दिया है। क्रेमलिन ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि ‘राष्ट्रपति पुतिन ने उत्तर कोरिया के उन सैनिकों के नायकत्व, उनके समर्पण और उच्च स्तर की स्पेशल ट्रेनिंग की तारीफ की, जो रूस के सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़े और मातृभूमि की सुरक्षा की।’
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