
प्राधिकरण अभी निर्माण करने वाले ठेकेदार को ही रख-रखाव की जिम्मेदारी सौंपेगा और बदले में 10 लाख रुपए की राशि प्रतिमाह भी देगा
इंदौर। प्राधिकरण (IDA) द्वारा 100 करोड़ (100 crores) रुपए से भी अधिक की राशि खर्च कर बनवाए आईएसबीटी (ISBT) का संचालन अभी शुरुआत में निर्माण करने वाली ठेकेदार फर्म (Contractor Firm) को ही सौंपा जाएगा और बदले में 10 लाख रुपए प्रतिमाह की राशि भी प्राधिकरण चुकाएगा। इस टर्मिनल के संचालन को ठेके पर देने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, जिसके लिए टेंडर डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है। दूसरी तरफ परिवहन विभाग ने अभी गजट नोटिफिकेशन करते हुए इस टर्मिनल को बस स्टैंड के रूप में संचालन के लिए अधिसूचित भी कर दिया। शासन के निर्देश पर इस टर्मिनल का नाम टंट्या भील बस स्टैंड रखा है, जिसे केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 117 के तहत बस स्टैंड घोषित किया गया है।
क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकारी राजेश राठौर द्वारा यह अधिसूचना मध्यप्रदेश राजपत्र में पिछले दिनों प्रकाशित करवाई गई, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि सरवटे बस स्टैंड से उज्जैन से आगे राजस्थान राज्य की ओर वाया उज्जैन, घटिया, आगर, सोयत की ओर जाने वाली, सरवटे से उज्जैन, महिदपुर, नलखेड़ा, आगर जाने वाली एवं इंदौर से राजस्थान, चित्तौडगढ़़, जोधपुर, कोटा से लेकर दिल्ली की ओर जाने वाली तथा इंदौर से गुजरात राज्य की ओर अहमदाबाद, राजकोट, बड़ौदा, भरूच, सूरत, गांधीनगर, सोमनाथ की ओर जाने वाली स्टेज कैरेज वाहनों में यात्रियों को बैठाने-उतारने के लिए एमआर-10 स्थित कुमेर्डी के आईएसबीटी को बस स्टैंड अधिसूचित घोषित किया जाता है। उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट की तर्ज पर इंदौर विकास प्राधिकरण ने इस टर्मिनल का निर्माण किया है और कुछ समय पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका अवलोकन भी किया और इसकी सराहना भी की। उज्जैन सिंहस्थ के मद्देनजर भी यह टर्मिनल अत्यंत लाभदायक रहेगा, क्योंकि सीधा एमआर-10 से जुड़ा है। इसका निर्माण लगभग पूरा हो गया है। अभी प्राधिकरण प्रवेश द्वार पर आकर्षक पेंटिंग, खूबसूरत साज-सज्जा सहित बचे हुए कार्य को पूर्ण करने में जुटा है और प्रयास हैं कि 15 फरवरी तक यह कार्य पूरे कर लिए जाएं और उसके बाद फिर बसों का संचालन यहां से शुरू हो जाए। फिलहाल ठेकेदार फर्म को ही संचालन, रख-रखाव का जिम्मा सौंपा जा रहा है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved