
वाशिंगटन: अप्रैल में अमेरिका (America) में गिरफ्तार किए गए एक खालिस्तानी आतंकवादी (Khalistani Terrorist) हरप्रीत सिंह (Harpreet Singh) उर्फ हैप्पी पासिया को जल्द ही भारत (India) वापस लाया जाएगा. पासिया भारत में आतंकवाद, जबरन वसूली और हिंसा से जुड़े कई मामलों में वांछित है. वह पिछले कुछ महीनों से अमेरिकी अधिकारियों की हिरासत में है. पासिया अमृतसर के पछिया गांव का रहने वाला है. वह एक किसान परिवार से है. उसके पिता का निधन हो चुका है. उनके दूसरे निकटतम रिश्तेदारों में उसकी मां और एक छोटी बहन है. पासिया गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) अधिनियम सहित एक दर्जन से अधिक मामलों में वांछित है.
हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया को कम से कम 14 ग्रेनेड हमलों से जोड़ा गया है. उसका आपराधिक जीवन जग्गू भगवानपुरिया गिरोह से शुरू हुआ. बाद में पासिया पाकिस्तान स्थित हरविंदर सिंह रिंदा से जुड़ गया, जो बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकवादी समूह का हिस्सा है. बीकेआई भारत में एक प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है. पासिया अप्रैल 2018 में दुबई के लिए रवाना हुआ और फरवरी 2019 में भारत लौट आया. इसके बाद वो 2020 में ब्रिटेन चला गया, जहां से वो अमेरिका चला गया. ऐसा कहा जाता है कि वह अवैध मानव तस्करी नेटवर्क का उपयोग करके मैक्सिको सीमा के रास्ते अमेरिका में प्रवेश कर गया था.
सितंबर से अक्टूबर 2023 तक, पासिया और रिंदा ने पंजाब में कई जबरन वसूली और आतंकी वारदातों को अंजाम दिया. वे बटाला और अमृतसर में ठेकेदारों और व्यापारियों से जबरन वसूली करने का प्रयास करते थे. राज्य पुलिस ने पासिया-रिंदा समूह के कई आतंकवादी और आपराधिक मॉड्यूल को ध्वस्त कर दिया है. ये लोग हिंदू समूहों और उनके नेताओं, पुलिस में तैनात और रिटायर पुलिसकर्मियों, शराब ठेकों और व्यापारियों को निशाना बना रहे थे. वे जबरन वसूली गई धनराशि का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए करते थे. 2024 के अंत और 2025 की शुरुआत के बीच बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने पंजाब में एक दर्जन से अधिक हमले किए.
इसमें नवंबर 2024 में अजनाला पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस रखना और गुरदासपुर में किला लाल सिंह पुलिस स्टेशन पर हमला करना शामिल था. बीजेपी नेता मनोरंजन कालिया के घर को भी निशाना बनाया गया. ये हमले पासिया ने रिंदा के अमेरिका स्थित संपर्कों- गुरदेव सिंह उर्फ जैसल पहलवान, गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी नवांशहरिया और जर्मनी स्थित स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजिया के साथ मिलकर किए गए थे. ऐसा कहा जाता है कि इस नेटवर्क ने आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए नशीली दवाओं की लत से ग्रस्त नाबालिगों को लगाया था.
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