img-fluid

MP में अब डेढ़ महीने पहले देना पड़ेगा हड़ताल का नोटिस, विधानसभा में नया विधेयक पास

August 01, 2025

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) ने श्रम विभाग (Labor Department.) के संशोधित नियमों (Revised rules) को मंजूरी दे दी है। इसके तहत हड़ताल और तालाबंदी (Strikes and lockouts) की घोषणा करने से पहले डेढ़ महीने का नोटिस देना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने इसे मजदूरों के अधिकारों को कमजोर करने वाला बताया। विधेयक के विरोध में कांग्रेस विधायक विधानसभा से बाहर निकल गए।


श्रम विभाग के संशोधित नियमों को मंजूरी देने पर सत्तारूढ़ भाजपा का कहना है कि इस कानून से श्रमिकों और उद्योगों, दोनों को लाभ होगा। जबकि विपक्षी कांग्रेस ने इसे श्रमिकों के शोषण को और बढ़ाने वाला कदम बताया है। चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों ने विधेयक का कड़ा विरोध किया। आरोप लगाया कि यह श्रमिकों के हड़ताल और विरोध प्रदर्शन के मूल अधिकारों का हनन करता है।

उन्होंने दावा किया कि यह कानून पूंजीपतियों और ठेकेदारों के पक्ष में है। यह ठेका प्रणाली को बढ़ावा देता है जो श्रम अधिकारों को कमजोर करती है। ओमकार सिंह मरकाम, विजय रेव नाथ चौरे और दिनेश जैन बोस सहित कांग्रेस नेताओं ने इस विधेयक की आलोचना की। कहा कि इससे बिचौलियों को आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण करने का मौका मिल रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि ठेकेदार सरकार से मोटी रकम ले रहे हैं जबकि मजदूरों को मामूली वेतन दे रहे हैं। उन्होंने मांग की कि भुगतान सीधे मजदूरों के खातों में किया जाए।

सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक सोहनलाल वाल्मीकि ने एक संशोधन प्रस्ताव रखा। इसमें कहा गया कि यह विधेयक मजदूरों के विरोध प्रदर्शन के अधिकार का हनन करता है। सरकार द्वारा कारखाना मालिकों और मजदूरों के बीच जवाबदेही बनाए रखने के आश्वासन के बावजूद वाल्मीकि ने अपना संशोधन वापस लेने से इनकार कर दिया। मतदान के बाद संशोधन को अस्वीकार कर दिया गया, जिसके विरोध में कांग्रेस सदस्यों ने विधानसभा से बहिर्गमन किया और नारे लगाए।

वहीं, राज्य के श्रम मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि यह श्रमिकों के हित में और राज्य में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने बताया कि संशोधित नियमों के तहत बंद करने का इरादा रखने वाले किसी भी उद्योग को एक महीने पहले नोटिस देना होगा। इसी तरह किसी भी विरोध प्रदर्शन से पहले कर्मचारी यूनियनों को औपचारिक सूचना देनी होगी।

नए नियमों में लाइसेंसिंग मानदंडों में भी संशोधन किया गया है। अब ठेकेदारों को लाइसेंस की आवश्यकता तभी होगी जब वे 50 से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करेंगे। पहले यह सीमा 20 थी। फैक्ट्री लाइसेंस के लिए आवश्यक कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या बढ़ाकर 40 कर दी गई है।

पटेल ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह विधेयक श्रमिकों के लिए बेहतर वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है। उन्होंने दावा किया कि भविष्य निधि अंशदान अब बिना किसी हस्तक्षेप के कर्मचारियों के खातों में सुरक्षित रूप से जमा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम मजदूरों का सम्मान करते हैं, लेकिन विकास की गति भी बनी रहनी चाहिए।

Share:

  • ब्रिटेन ने खालिस्तानियों के पक्ष में बनाई रिपोर्ट, भारत को 12 दमनकारी देशों की लिस्ट में डाला

    Fri Aug 1 , 2025
    नई दिल्ली. ब्रिटेन (Britain) की एक संसदीय समिति (Parliamentary Committee) ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ विदेशी सरकारें (Foreign governments) ब्रिटेन में रहने वाले लोगों को डराने-धमकाने और उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. इस रिपोर्ट के साथ समिति ने सबूत भी पेश किए हैं. […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved