
इंदौर। अब पत्नियां न पति (Husbands) की प्रताडऩा (torture) सहेंगी और न ससुराल (In law’s house) में सास, ससुर (Parents-in-law) या ननद से प्रताडि़त (torture) होंगी। ऐसी महिलाएं (Women) जो घुट-घुटकर जीवन जी रही हैं, उनके लिए न केवल एक नई राह बनने जा रही है, बल्कि अपने बच्चों (kids) के हाथों निरादर सह रही उपेक्षित और बेसहारा माताएं भी सम्मान का जीवन जी सकेंगी। ऐसी घरेलू हिंसा (domestic violence) की शिकार, अन्य किसी तरह से पीडि़त आश्रय ढूंढ रही महिलाओं के लिए सितंबर के अंत तक इंदौर (Indore) के खंडवा (Khandva) रोड पर एक आश्रय स्थल की शुरुआत होने जा रही है, जिसका संचालन एक एनजीओ द्वारा किया जाएगा। इस आश्रय स्थल को जानकी कुटी का नाम दिया जा रहा है। इसे प्रारंभ करने की तैयारियां जिला प्रशासन के महिला बाल विकास विभाग के निर्देशन में चल रही हैं। यहां आश्रय लेने वाली महिलाओं को कई तरह के काम करना भी सिखाए जाएंगे।
एनजीओ (NGO) पंडित दीनदयाल शिक्षा (Deendayal Education) सुधार एवं समाज कल्याण समिति इसका संचालन करेगा। शुरुआत में यहां करीब 25 महिलाओं को आश्रय दिया जा सकेगा। यहां पूरे संभाग की उन महिलाओं को आश्रय दिया जाएगा, जो घरेलू हिंसा की शिकार हैं या किसी अन्य तरीके से पीडि़त हैं और अपने जीवन की नई शुरुआत कर अपनी पहचान खुद बनाना चाहती हैं।
सिखाए जाएंगे काम
यहां न केवल महिलाओं को आश्रय दिया जाएगा, बल्कि उन्हें कढ़ाई-बुनाई, सिलाई, ब्यूटी पार्लर का कोर्स सहित कम्प्यूटर कोर्स भी करवाया जाएगा, ताकि वह नौकरी कर जीवन की नई शुरुआत कर सकें। यहां सिखाए गए कामों के बाद महिलाओं की नौकरी लगवाने में भी एनजीओ ही मदद करेगा। एनजीओ के सचिव देवेंद्रकुमार मिश्रा के मुताबिक फिलहाल इसका खर्च एनजीओ ही वहन करेगा। जरूरत पडऩे पर समाज और दोस्तों से मदद ली जाएगी।
एनजीओ 4 साल पुराना है। इस तरह का काम शुरुआत से करना चाहते थे, इसीलिए महिला बाल विकास विभाग की महिला अधिकारी को योजना बताई और इस पर काम शुरू किया। सितंबर के अंत में इसकी शुरुआत की जाएगी। इस आश्रय स्थल का नाम जानकी कुटी होगा।
– विवेक मिश्रा, उपाध्यक्ष, एनजीओ
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