
इंदौर। कल नगर निगम के राजस्व, उद्यान, जलप्रदाय के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की लंबी बैठक चली, जिसमें कई मुद्दों पर निगमायुक्त ने अफसरों को अलग-अलग निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिल्डिंग परमिशन से अब किसी भी प्रकार का नोटिस ऑनलाइन ही जारी होगा। इसके साथ ही राजस्व जमा करने और स्पाट फाइन की वसूली केवल ऑनलाइन एवं मशीन के माध्यम से ही की जाए। शहर के उद्यानों को लेकर पहले से योजना बनाएं और फिर वहां काम शुरू कराए जाएं।
कई अपर आयुक्तों और विभिन्न विभागों के एचओडी के साथ-साथ राजस्व, उद्यान, जलप्रदाय और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की बैठक में कमिश्नर दिलीप यादव ने कहा कि राजस्व विभाग की टीम 30 नवंबर तक सम्पत्तियों के सर्वे का काम हर हाल में पूरा कर लें। उसके बाद अलग-अलग क्षेत्रों में निरीक्षण चलेगा और इसमें गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित राजस्व अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी, इसलिए अभी से अधिकारी व्यावसायिक और रहवासी क्षेत्रों के साथ-साथ उन सम्पत्तियों की सही सूची और क्षेत्रफल बना लें। बाद में गड़बड़ी पकड़े जाने पर संबंधित अधिकारी दोषी होगा।
इसके साथ ही जलकर के खातों का भी मिलान किया जाए, क्योंकि कई जगह डबल खातों की शिकायतें आती हैं। जनकार्य विभाग के अफसरों को उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में ऑफलाइन भुगतान या नकद राशि की रसीद जारी नहीं की जाए। स्पाट फाइन से लेकर राजस्व कर और अन्य भुगतानों को केवल ऑनलाइन या मशीन के माध्यम से लिया जाए। बिल्डिंग परमिशन शाखा से अवैध निर्माणों के साथ-साथ कई अन्य मामलों को लेकर नोटिस जारी किए जाते हैं और उन नोटिसों के आधार पर तमाम गड़बडिय़ों की शिकायतें आती हैं, जिसके चलते कमिश्नर ने नई व्यवस्था तय की कि अब ऑनलाइन नोटिस जारी करने की प्रक्रिया अपनाई जाए।
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