
सुनील नावरे, इंदौर। अब तक बनाई गई सडक़ों के पहले सबसे बड़ी झंझट सेंटर लाइन को लेकर रहती थी। सडक़ों की नपती के दौरान सेंटर लाइन को लेकर विवाद की स्थितियां अब तक खजूरी बाजार, सीतलामाता बाजार, रावजी बाजार, सरवटे टू गंगवाल सहित कई क्षेत्रों में रही हैं। इसके कारण सडक़ों के काम भी कई दिनों तक रुके। अब नगर निगम इस मामले में डीजीपीएस की नई तकनीक का सहारा लेकर सेंटर लाइन बिछाने का काम शुरू करने जा रहा है। इससे न केवल सेंटर लाइन का झंझट खत्म होगा, बल्कि सालोसाल डिजिटल रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहेगा।
नगर निगम अब नई-नई तकनीकों का उपयोग कर रहा है। कई संसाधन भी नई तकनीक वाले खरीदे जा रहे हैं, ताकि सफाई से लेकर ड्रेनेज तक के काम आसानी से हो सकें। अब निगम सडक़ों की नपती के साथ-साथ सेंटर लाइन बिछाने के लिए नई तकनीक डीजीपीएस का उपयोग करने जा रहा है। किसी भी सडक़ वाले क्षेत्र का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार कर लिया जाता है, फिर उसे गूगल ड्राइव के माध्यम से ऑपरेट कर डीजीपीएस मशीन के माध्यम से सडक़ की स्थिति को देखा जाता है।
सडक़ के बीचोबीच सेंटर लाइन बिछाने का काम इसी मशीन के माध्यम से किया जाएगा। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए कई डीजीपीएस मशीनें खरीदी गईं और अब उनका उपयोग सेंटर लाइन के लिए किया जाएगा। इससे पहले कई जगह सडक़ों की नपती के दौरान सेंटर लाइन को लेकर सबसे ज्यादा विवाद होते थे। खजूरी बाजार में तो सडक़ को लेकर 15 दिनों तक विवाद चलता रहा था और काम बंद हो गया था।
बरसों पहले तक जरीब से होती थी पूरी प्रक्रिया
वर्षों पहले नगर निगम जिन क्षेत्रों में सडक़ें बनाता था, वहां नगर निगम के अधिकारी जरीबमैन को साथ लेकर पहुंचते थे। जरीब से पूरे क्षेत्र की नपती कर सडक़ की सेंटर लाइन बिछाई जाती थी और इसके लिए भी तमाम प्रक्रियाएं करना पड़ती थीं। अब नए युग में धीरे-धीरे सब डिजिटल होता जा रहा है।
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