
भोपाल। प्रदेश में शराबबंदी के मुद्दे पर उमा भारती अब अकेली पड़ गई हैं। मप्र में सरकार और संगठन ने शराबबंदी के मुद्दे पर उनसे दूरी बना ली है। अब उमा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को 3 पेज का पत्र लिखकर शराबबंदी पर अपनी व्यथा बताई है और मप्र समेत सभी भाजपा शासित राज्यों में एक समान शराब नीति बनाने की मांग की है। उमा ने पत्र में अपनी पीड़ा बताते हुए लिखा कि मप्र में शराबबंदी पर मैं लगातार सक्रिय हूं। अक्टूबर तक मैं अकेले ही शराब की दुकानों व अहातों के सामने खड़ी होऊंगी, फिर अक्टूबर में गांधी जयंती पर भोपाल की सड़कों पर महिलाओं के साथ मार्च करूंगी।
उमा ने नड्डा को लिखा कि हमारे देश में नशामुक्त समाज हो, यह पार्टी के एजेंडे में हमेशा रहा। मप्र की नई शराब नीति प्रदेश को हर तरह से विनाश की दिशा में ले जा सकती है। आप इसके स्वयं साक्षी हो कि मैंने जब मार्च में इस जागरूकता अभियान को शुरू किया, जो कि हमारी पार्टी की नीति के अनुसार है, उसके बाद 13 अप्रैल से लेकर हमारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हैदराबाद में हुई बैठक दिनांक 3 जुलाई तक मैं पार्टी एवं अपनी विचारधारा के सभी निर्णायक व्यक्तियों से मुलाकात करके इस विषय पर वार्ता कर चुकी हूं। शराबबंदी मेरे निजी अहंकार का विषय नहीं है, बल्कि मप्र की महिलाओं के सम्मान और उनके परिवार की सुरक्षा, युवाओं की रोजी-रोटी और भविष्य से जुड़ा एक सामाजिक विषय है।
एक जैसी शराब नीति के निर्देश दें
उमा ने नड्डा से अपील करते हुए लिखा कि सभी भाजपा शासित राज्यों केा एक जैसी शराब नीति लागू करने का निर्देश दें। जैसे- गांव और शहरों में भीड़ को खुले अहातों में शराब पिलाना, किसी भी धार्मिक स्थल एवं शिक्षण संस्थाओं से शराब की दुकान की दूरी एवं निश्चित समय पर ही दुकान का खुलना, 11 शराब की बोतलें घर ले जाने की अनुमति, एक के बदले एक मुफ्त बोतल देने की दुकानदारों की नीति, मजदूरों की बस्तियों के पास शराब की दुकान एवं अहाता तथा जहां महिलाएं एकत्रित होती हो, इन सब में पार्टी की नीति स्पष्ट हो व हमारी पार्टी की हर राज्य सरकार उसका पालन करने के लिए बाध्य हो।
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