
जीएसआईटीएस में पढ़े और अब अमेरिका में कम्प्यूटर साइंटिस्ट दम्पति ने की सार्थक पहल
इंदौर। अप्रवासी इंदौरी (NRI Indouri) ने 1 करोड़ (1 crore) रुपए की राशि एसजीएसआईटीएस (SGSITs) को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट सेंटर (Artificial Intelligent Center) बनाने के लिए दी है, जिसका उद्घाटन आज 4 बजे गोल्डन गुबली ऑडिटोरियम में हो रहा है। यहीं के विद्यार्थी रहे पंकज मालवीय ने यह सौगात दी है, जो कि अमेरिका में बीते 27 सालों से रह रहे हैं और वहां के जाने-माने कम्प्यूटर साइंटिस्ट हैं और इसी से जुड़ी कई कम्पनियों के मालिक भी हैं। कई अवॉर्ड उन्हें अमेरिका में भी मिल चुके हैं। उनका कहना है कि इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए शोध अनुसंधान के कार्य किए जा सकेंगे। कम्प्यूटर साइंस, इंजीनियरिंग और इन्फॉर्मेशन टेक्रॉलाजी विभाग में 80 उच्च दक्षता वाले कम्प्यूटर जीपीयू सर्वर सिस्टम आधारित स्थापित किए गए हैं।
श्री गोविंदराम सेक्सरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में आज इस एआई सेंटर का लोकार्पण होना है। संस्थान के निदेेशक नीतेश पुरोहित के मुताबिक इस अत्याधुनिक केन्द्र के लिए एसजीएस आईटीएस के 1990 बैच के एलुमनी पंकज मालवीय और उनकी पत्नी गुंजन मालवीय की ओर से संस्थान को यह भेंट दी गई है। मालवीय दम्पति ने इस केन्द्र के लिए 1 करोड़ रुपए की राशि दी है और इस केन्द्र की स्थापना से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से मशीन लर्निंग डेटा साइंस और इससे जुड़े क्षेत्र में शोध और अनुसंधान के कार्यों में मदद मिलेगी। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना और स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के लिए क्षेत्रीय कार्यशाला का $आयोजन कल किया गया, जिसका उद्घाटन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की सीईओ हर्षिका सिंह ने किया। कार्यशाला में ग्रामीण विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात तथा पश्चिम बंगाल सहित आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों एवं राज्य कौशल विकास मिशन के प्रतिनिधियों के साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत इंदौर सिद्धार्थ जैन ने प्रतिभाग किया । कार्यशाला के दौरान डीडीयू-जीकेवाई और आर-सेटी योजनाओं की मध्य प्रदेश में सफलता पर प्रकाश डालते हुए हर्षिका सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश में 1 लाख से अधिक युवाओं को डीडीयू-जीकेवाई के अंतर्गत प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें 30 फीसदी अनुसूचित जाति, 32 फीसदी अनुसूचित जनजाति एवं कुल प्रशिक्षित उम्मीदवारों में 52 फीसदी महिलाएँ शामिल हैं।