
नई दिल्ली । एनएसए अजीत डोभाल (NSA Ajit Dobhal) ने ब्राजील के राष्ट्रपति के विशेष सलाहकार से (With Special Advisor to the President of Brazil) रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की (Discussed Strategic Partnership) ।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने नई दिल्ली में छठे भारत-ब्राजील रणनीतिक संवाद के लिए राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा के विशेष सलाहकार और राजदूत सेल्सो लुइस नून्स अमोरिम से मुलाकात की । दोनों देश अमेरिकी टैरिफ के प्रभावों को कम करने के लिए नए व्यापारिक रास्ते तलाश रहे हैं। इस मुलाकात के दौरान राजदूत अमोरिम के साथ ब्राजील के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और सलाहकारों का एक प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था। विदेश मंत्रालय (एमईए) की ओर से साझा जानकारी के अनुसार यह मुलाकात जुलाई 2025 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील की राजकीय यात्रा के दौरान सहयोग के पांच स्तंभों के अंतर्गत चिन्हित मुद्दों पर आगे की बातचीत का एक अवसर था।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और राजदूत अमोरिम ने रणनीतिक साझेदारी वाले मुद्दों पर चल रही प्रगति की समीक्षा की, जिसमें रक्षा और सुरक्षा; ऊर्जा, दुर्लभ मृदा और महत्वपूर्ण खनिज और स्वास्थ्य-औषधि जैसे अलग-अलग क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने ब्रिक्स, आईबीएसए और नवंबर में ब्राजील की ओर से आयोजित होने वाले आगामी कॉप-30 जैसे बहुपक्षीय मंचों में सहयोग पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा निर्धारित दृष्टिकोण को क्रियान्वित करने के लिए कार्य को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। बता दें, भारत और ब्राजील के बीच घनिष्ठ और बहुआयामी संबंध हैं, जिन्हें 2006 में रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया गया।
दोनों देश ब्रिक्स, आईबीएसए, जी-20, जी-4, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन और आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन जैसे बहुपक्षीय मंचों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, यूनेस्को और डब्ल्यूआईपीओ जैसे बड़े बहुपक्षीय निकायों में भी आपसी सहयोग करते हैं। भारत और ब्राजील के बीच राजनयिक संबंध 1948 में स्थापित हुए और उसी साल दोनों देशों ने अपने दूतावास खोले। भारत ने ब्राजील की पूर्व राजधानी रियो डी जेनेरियो में दूतावास खोला था। हालांकि, बाद में 1971 में इसे ब्रासीलिया स्थानांतरित कर दिया गया। भारत का साओ पाउलो में एक महावाणिज्य दूतावास है, जबकि ब्राजील का मुंबई में एक महावाणिज्य दूतावास है।
भारत और ब्राजील के बीच का संबंध बेहद खास है। इसकी एक वजह यह भी है कि वास्को डी गामा के भारत में आने के दो साल बाद 1500 में ब्राजील के पूर्वी तट पर उतरे। इसके बाद 16वीं और 18वीं शताब्दी के बीच पुर्तगाली साम्राज्यवादी साम्राज्य के दोनों गढ़, ब्राजील और गोवा के बीच द्विपक्षीय आदान-प्रदान हुआ, जो भोजन और पहनावे के साथ-साथ स्थानीय परंपराओं में भी जुड़ा है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 12.20 अरब डॉलर तक पहुंच गया। भारत ब्राजील को डीजल, आईटी उत्पाद और दवाएं निर्यात करता है, जबकि ब्राजील भारत को पेट्रोलियम उत्पाद, सोया और तांबा निर्यात करता है।
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