
वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने निर्देश दिए कि वाराणसी में अधिकारी (Officials in Varanasi) बाढ़ प्रभावित लोगों को (To flood-affected People) हरसंभव सहायता प्रदान करें (Should provide all possible Assistance) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की ।
गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे वाराणसी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। शुक्रवार को गंगा का जलस्तर 70.28 मीटर तक पहुंच गया और यह हर घंटे चार सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने डिविजनल कमिश्नर और जिलाधिकारी से बात कर बाढ़ की ताजा स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी ली और पूछा कि प्रशासन की ओर से किन-किन कदमों को उठाया गया है।
पीएम मोदी ने यह भी जाना कि राहत शिविरों में रह रहे लोगों की व्यवस्था कैसी है और अन्य स्थानों पर शरण लिए लोगों को कैसे मदद पहुंचाई जा रही है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से कहा, “बाढ़ से प्रभावित हर व्यक्ति को समय पर मदद और आवश्यक सुविधाएं मिलनी चाहिए।” इस समय जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर चल रहा है और अगर यह ऐसे ही जारी रहा तो जल्द ही खतरे के निशान को पार कर सकता है।
केंद्रीय जल आयोग की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, वाराणसी में गंगा का चेतावनी स्तर 70.262 मीटर है, जबकि खतरे का स्तर 71.262 मीटर है, और उच्च बाढ़ स्तर 73.901 मीटर पर अंकित है। बढ़ते खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को तैनाती के लिए तैयार रखा गया है। अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
जिलाधिकारी ने बताया, “पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। बाढ़ का पानी अब निचले इलाकों में घुसने लगा है, जिससे स्थानीय निवासियों के लिए खतरा हो गया है।” प्रशासन की ओर से राहत शिविर लगाए गए हैं, जहां लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। नावों और मोटरबोट्स के जरिए जरूरतमंदों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।
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