
नई दिल्ली। ईरान (Iran) में परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले (US Attack) का वैश्विक बाजार (Global Market) पर व्यापक असर पड़ा। हमलों के बाद तेल (Oil) की कीमतों में सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 2% से अधिक का उछाल आया, लेकिन फिर मामूली नरमी दिखी। इस दौरान अमेरिकी स्टॉक वायदा और एशियाई शेयरों (Share) में भी गिरावट (Decline) देखी गई।
बाजार के जानकारों के अनुसार निवेशक अमेरिकी हमले के बाद ईरान की प्रतिक्रिया देखने के लिए उत्सुक हैं। अमेरिकी सेना की ओर से ईरान के तीन स्थलों पर किए गए हमले ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर सवालिया निशान लगा दिया है।
एट्रिस एडवाइजरी जापान के प्रबंध निदेशक ने कहा, “मेरा मानना है कि यह एक छोटा संघर्ष होगा। अमेरिकियों की ओर से किया गया एक बड़ा प्रहार प्रभावी होगा और फिर हम सामान्य रूप से काम पर लग जाएंगे, ऐसे में तत्काल, घबराहट वाली प्रतिक्रिया की कोई आवश्यकता नहीं है।”
इस दौरान, अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 2% बढ़कर 78.52 डॉलर प्रति बैरल हो गई। अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत भी उछली, जो सोमवार दोपहर तक एशिया में 2% बढ़कर 75.34 डॉलर प्रति बैरल हो गई।
शनिवार को हुए हमलों ने इस्राइल और ईरान के बीच युद्ध को और तनावपूर्ण बना दिया है। इसके असर से एसएंडपी 500 और डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज के वायदे 0.3% गिर गए, जबकि नैस्डैक वायदा 0.5% गिर गया। ट्रेजरी यील्ड में भी मामूली बदलाव दिखा। यह संघर्ष 13 जून को ईरान पर इस्राइल के हमले के साथ शुरू हुआ, जिससे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव आया और अन्य बाजारों में भी उथल-पुथल दिखा।
ईरान तेल का एक प्रमुख उत्पादक देश है और यह होर्मुज की संकरी जलडमरूमध्य पर स्थित है, जिसके माध्यम से दुनिया का अधिकांश कच्चा तेल गुजरता है। जलमार्ग को बंद करना तकनीकी रूप से कठिन होगा, लेकिन ऐसा होने ने वैश्विक व्यपार गंभीर रूप से बाधित हो सकता है। इससे बीमा दरें बढ़ सकती हैं और शिपर्स को अमेरिकी नौसेना के एस्कॉर्ट के बिना आगे बढ़ने में परेशानी हो सकती है।
सोमवार को एशियाई कारोबार में ताइवान के ताइएक्स में 1.3% की गिरावट आई, जबकि दक्षिण कोरिया के कोस्पी में शुरुआत में 1% तक की गिरावट आईपूर्वी एशिया का अधिकांश हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य के माध्यम से आयातित तेल पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
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