
नई दिल्ली । जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir)के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Chief Minister Omar Abdullah)ने गुरुवार को पाकिस्तान (Pakistan)द्वारा कब्जाए गए कश्मीर (Occupied Kashmir) को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान का पीओके से पीछे हटने पर कश्मीर मुद्दे का समाधान होगा। विधानसभा में अब्दुल्ला ने जयशंकर के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पूछा, “किसने उन्हें रोका है?”
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को चुनौती दी कि अगर उन्हें पीओके को फिर से हासिल करने की क्षमता है तो वे इस दिशा में कदम उठाएं। उन्होंने कहा, “क्या हमने कभी उन्हें रोका? वे हाजी पीर दर्रे को लेकर कांग्रेस की आलोचना करते हैं, लेकिन कारगिल युद्ध के दौरान उनके पास इसे वापस लाने का मौका था। लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। अगर वे इसे वापस ला सकते हैं, तो उन्हें अब ऐसा करना चाहिए।”
अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है, जबकि दूसरा हिस्सा चीन के कब्जे में है। उन्होंने सवाल उठाया, “जम्मू और कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के पास है, लेकिन दूसरा हिस्सा चीन के पास है। इस पर कोई बात क्यों नहीं करता?”
जयशंकर ने क्या कहा?
बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लंदन के चाथम हाउस थिंक टैंक में एक सवाल-जवाब सत्र के दौरान पीओके पर अपनी टिप्पणी की। जयशंकर ने दावा किया कि भारत ने कश्मीर के मुद्दे पर महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिसमें अनुच्छेद 370 को समाप्त करना पहला कदम था। उन्होंने कश्मीर में आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय की बहाली का भी जिक्र किया और हाल की चुनावों में उच्च मतदान की बात की।
जयशंकर ने यह भी जोर दिया कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है और इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम जिस हिस्से का इंतजार कर रहे हैं, वह पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। जब इसे वापस लिया जाएगा, तो कश्मीर का मुद्दा हल हो जाएगा।”
जयशंकर की इस टिप्पणी को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने तुरंत खारिज कर दिया। पाकिस्तान के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा, “भारत को आजाद जम्मू और कश्मीर के बारे में बेबुनियाद दावे करने के बजाय उसे 77 साल से कब्जे में रखे जम्मू और कश्मीर के बड़े हिस्से को खाली करना चाहिए।”
भाजपा की प्रतिक्रिया
उमर अब्दुल्ला के बयान के तुरंत बाद भाजपा के नेता और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने अब्दुल्ला पर हमला करते हुए सवाल उठाया कि उन्होंने जयशंकर के बयान पर क्यों प्रतिक्रिया दी। उन्हें अपनी पार्टी के विधायकों द्वारा विधानसभा में उठाए गए मुद्दों पर जवाब देना चाहिए था। शर्मा ने कहा, “उन्हें यहां अपने विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों का जवाब देना चाहिए था। मुझे लगता है कि उमर साहब ने बेतुकी बातें कही हैं। उन्हें जम्मू और कश्मीर के विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देना चाहिए था।”
भाजपा नेता अजय आलोक ने विश्वास व्यक्त किया कि मोदी सरकार के तहत अक्साई चिन और पीओके दोनों ही भारत को वापस मिलेंगे। उन्होंने कहा, “हम इसे जरूर वापस लाएंगे। अक्साई चिन जो चीन के पास है हमारा हिस्सा है और पीओके भी हमारा हिस्सा है और हम इसे जरूर वापस लाएंगे। यह मोदी सरकार है और सब कुछ संभव है।”
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