
नई दिल्ली: बिहार (Bihar) एसआईआर (SIR) को लेकर विपक्ष (Opposition) की ओर से लगाए जा रहे आरोपों (Accusations) पर चुनाव आयोग (Election Commission) ने रविवार को जवाब दिया. चुनाव आयोग ने कहा, हम मतदाताओं (Voters) के नाम एक संदेश देना चाहते हैं कि भारत के संविधान के अनुसार भारत का हर नागरिक जो 18 साल की आयु पूरा कर चुका है उसे मतदान जरूर करना चाहिए.
चुनाव आयोग ने कहा कि कानून के अनुरूप हर पार्टी का जन्म चुनाव आयोग के रजिस्ट्रेशन से होता है तो चुनाव आयोग किसी के साथ पक्षपात कैसे कर सकता है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “पिछले दो दशकों से सभी राजनीतिक दल वोटर लिस्ट में सुधार की मांग करते रहे हैं. इसी मांग को पूरा करने के लिए चुनाव आयोग ने एसआईआर की शुरूआत बिहार से की है.”
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “कानून के अनुसार अगर समय रहते मतदाता सूचियों में त्रुटियां साझा न की जाए, अगर मतदाता की ओर से अपने उम्मीदवार को चुनने के 45 दिनों के भीतर कोर्ट में चुनाव याचिका दायर नहीं की जाए और फिर वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल करके जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास किया जाए तो यह भारत के संविधान का अपमान नहीं तो और क्या है?”
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल और उनके नेता बिहार में एसआईआर के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं. बिहार एसआईआर में गड़बड़ियों के लिए अभी भी 15 दिन का समय बचा है. जमीनी सच को नजर अंदाज कर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है. चुनाव आयोग के दरवाजे सबसे के लिए समान रूप से खुले हुए हैं. बूथ स्तर के अधिकारी और एजेंट पारदर्शी तरीके से मिलकर काम कर रहे हैं.”

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