
नई दिल्ली । आप नेता आतिशी (AAP leader Atishi) ने कहा कि कैग रिपोर्ट के आधार पर (On the basis of CAG Report) नई एक्साइज पॉलिसी को विफल करने वालों की (Those who failed the New Excise Policy) जांच हो (Should be Investigated) ।
दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को सीएजी (कैग) की ऑडिट रिपोर्ट को लेकर चर्चा हुई, जिसमें दिल्ली सरकार की पुरानी एक्साइज पॉलिसी पर कई गंभीर आरोप लगाए गए । रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से 2021 तक की पुरानी एक्साइज पॉलिसी में भ्रष्टाचार और ब्लैक मार्केटिंग के कई मामले सामने आए हैं। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने इस रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी की सफलता का दावा करते हुए भाजपा और अन्य संबंधित एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए। आतिशी ने बताया कि पुरानी एक्साइज पॉलिसी में शराब के ठेकेदारों द्वारा गलत तरीके से मुनाफा कमाया जा रहा था। रिपोर्ट के चैप्टर 5 में यह साफ तौर पर कहा गया कि शराब के ठेकेदार 28 प्रतिशत से ज्यादा भ्रष्टाचार कर रहे थे और शराब की वास्तविक मात्रा को कम दिखाकर ज्यादा मुनाफा कमा रहे थे।
आतिशी ने आगे कहा कि इसके अलावा, पेज 59 में यह भी उजागर हुआ कि पुरानी पॉलिसी के तहत शराब की स्मगलिंग हो रही थी और दिल्ली सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा था। आतिशी ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने बार-बार इस मुद्दे को उठाया था और पुरानी पॉलिसी में भ्रष्टाचार को उजागर किया था। उन्होंने बताया कि शराब की कीमतों को प्रभावित किया जाता था और विभिन्न राज्य सरकारों के बीच शराब का अवैध कारोबार हो रहा था, जिससे दिल्ली सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा था।
इसके बाद, आतिशी ने दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी की सराहना करते हुए कहा कि यह अधिक पारदर्शिता और भ्रष्टाचार की रोकथाम के उपायों के साथ आई थी। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पंजाब में इस पॉलिसी के लागू होने के बाद राज्य के राजस्व में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। हालांकि, दिल्ली में इस पॉलिसी का सही तरीके से कार्यान्वयन नहीं हो पाया, जिसके कारण दिल्ली सरकार को लगभग 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
आतिशी ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली में नई पॉलिसी का ठीक से कार्यान्वयन रोकने के पीछे भाजपा और उसके समर्थित अधिकारियों का हाथ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल, सीबीआई और ईडी ने जानबूझकर इस पॉलिसी को लागू होने से रोका, जिससे 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आतिशी ने इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा कि यह पॉलिसी अगर ठीक से लागू होती तो दिल्ली सरकार के खजाने में 8,900 करोड़ रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती थी। अब, सीएजी रिपोर्ट के आधार पर इस मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
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