
नई दिल्ली । इंग्लैंड(England) की टीम के कप्तान बेन स्टोक्स (Captain Ben Stokes)का हैंडशेक वाले ड्रामे (Handshake drama)पर कहना है कि टीम इंडिया ने ड्रॉ को डिले किया, क्योंकि रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर शतक बनाना चाहते थे। बेन स्टोक्स ने दावा किया है कि जब नतीजा ड्रॉ ही था, तो इसे पहले किया जा सकता था। मैच के आखिरी घंटे के शुरू होने से पहले बेन स्टोक्स ने क्रीज पर मौजूद रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर से ड्रॉ के लिए हाथ मिलना चाहा, लेकिन जडेजा ने मना कर दिया। बाद में जब दोनों का शतक हो गया तो फिर हैंडशेक हुआ और नतीजा ड्रॉ ही रहा।
मैनचेस्टर टेस्ट के बाद पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन सेरेमनी में बेन स्टोक्स ने टीम इंडिया के ड्रॉ को डिले करने के फैसले पर कहा, “हां, मुझे लगता है कि सारी मेहनत भारत ने की थी। वे दोनों (वॉशिंगटन सुंदर और रविंद्र जडेजा) अविश्वसनीय रूप से अच्छा खेले और बात यहां तक पहुंच गई कि जाहिर तौर पर सिर्फ एक ही नतीजा था और एक और मैच बाकी होने के कारण मेरे किसी भी बड़े तेज गेंदबाज को चोटिल होने का जोखिम उठाने की कोई संभावना नहीं थी। डॉसी (डॉसन) ने इस मैच में इतने ओवर फेंके कि उनका शरीर थोड़ा थकने लगा और पैरों में क्रैंप होने लगे, इसलिए मैं आखिरी आधे घंटे के लिए अपने किसी भी मुख्य गेंदबाज को जोखिम में नहीं डालना चाहता था।”
खेल भावना को देखा जाए तो बेन स्टोक्स ने कुछ भी गलती नहीं की, क्योंकि जब उन्होंने ड्रॉ को स्वीकारा तो उस समय रविंद्रज जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर 90 रनों से कम पर बल्लेबाजी कर रहे थे। बहुत आराम से बल्लेबाजी कर रहे थे। ऐसा लग रहा था कि शतक के लिए वे कम से कम 10 ओवर खेल लेंगे। पांचवें दिन के आखिरी सेशन के आखिरी घंटे से पहले ड्रॉ को स्टोक्स ने स्वीकार किया, लेकिन जडेजा और सुंदर ने निजी माइलस्टोन को पूरा करने की ठानी। गलत तो यहां जडेजा और सुंदर भी नहीं हैं, क्योंकि दोनों ने मैच में काफी मेहनत की थी।

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