
भोपाल। व्यापम घोटाले (Vyapam scam) का मुद्दा एक बार फिर से सामने आया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (State Congress President Jitu Patwari) ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में लगातार हो रहे भर्ती घोटालों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने प्रदेश के युवाओं के भविष्य को लेकर गहरी चिंता जताई है। जीतू पटवारी ने कहा कि व्यापम घोटाले में सिर्फ घोटाला ही नहीं हुआ, बल्कि न्याय की हत्या हुई। 50 से अधिक मौतें हुईं, जिनमें छात्र, पत्रकार और घोटाले से जुड़े अधिकारी तक शामिल थे। आज भी एक भी आरोपी को सजा नहीं मिली। सब बरी हो गए। ये किस तरह का न्याय है? क्या यही रामराज्य है, जिसकी बात भाजपा करती है?”
जीतू पटवारी ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती घोटाले का ज़िक्र करते हुए कहा कि कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग के माध्यम से फर्जी उम्मीदवारों को बैठाया गया। अब तक 16 FIR दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही। इससे पहले पटवारी भर्ती, प्राथमिक शिक्षक भर्ती, और कई अन्य परीक्षाओं में भी यही पैटर्न रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों युवा, दिन-रात मेहनत करके सरकारी नौकरी के सपने देखते हैं। लेकिन ये सरकार उनके सपनों की कब्र खोदने में लगी है। सरकार से पूछना चाहता हूं वोटर्स के ही बच्चों का गला क्यों घोंटा जा रहा है? क्या युवाओं की मेहनत अब साजिशों की भेंट चढ़ा दी जाएगी?”
जीतू पटवारी ने मंत्री कैलाश विजयवर्गी के बयान पर बोलते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं की सोच महिलाओं के कपड़ों से शुरू होकर वहीं खत्म हो जाती है। चाहे कैलाश विजयवर्गीय हों या नरोत्तम मिश्रा, इनकी टिप्पणियां महिलाओं की गरिमा के विरुद्ध हैं। क्या यही ‘बेटी बचाओ’ है? क्या यही ‘नारी सम्मान’ है?
जीतू पटवारी ने कहा कि राहुल गांधी के एक व्यंग्यात्मक बयान पर भाजपा आहत हो जाती है, लेकिन जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दावा करते हैं कि उन्होंने भारत को धमका कर सीजफायर कराया, तब प्रधानमंत्री मौन क्यों हैं? ट्रंप भारत माता का अपमान कर रहे हैं और प्रधानमंत्री मौन हैं। क्या प्रधानमंत्री का पद बड़ा है या भारत माता का सम्मान? कांग्रेस भारत माता के लिए सर कटा सकती है, लेकिन सरकार से सवाल तो पूछेगी ही।
जीतू पटवारी ने बताया कि राहुल गांधी ने ‘बारात के घोड़े’ उन नेताओं के लिए कहा है जो हमेशा सत्ता की सवारी करना चाहते हैं। ऐसे लोग ही सिंधिया के साथ भाजपा में चले गए। और जिन्हें ‘लंगड़े घोड़े’ कहा गया, वे लोग हैं जिन्हें कांग्रेस ने सब कुछ दिया, लेकिन संघर्ष के समय पार्टी को छोड़ गए।पटवारी ने कहा कि यह वक्त चुप बैठने का नहीं है। हम सरकार से, न्यायपालिका से, और समाज से सवाल पूछेंगे। जब देश की बेटियां असुरक्षित हैं, जब युवाओं का भविष्य अंधकारमय है, जब भर्ती प्रणाली माफियाओं के कब्जे में है, तब विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वह आवाज उठाए और जनता को न्याय दिलाए।
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