
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मुल्लापेरियार (Mullaperiyar) में एक नए बांध (Dam) के निर्माण के लिए दिशा-निर्देश मांगने वाली केरल बचाओ ब्रिगेड (Kerala Bachao Brigade) की याचिका पर नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने इसको लेकर चार हफ्ते में जवाब तलब करने को कहा है. सीजेआई बीआर गवई ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि यह सबसे पुराने बांधों में से एक है. इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि ने जवाब दिया कि हां, ये 130 साल पुराना है, लेकिन लगभग 1 करोड़ लोगों की जान खतरे में है. सीजेआई ने इस पर कहा कि शायद बांध को मज़बूत बनाने या निगरानी के लिए विशेषज्ञ निकाय नियुक्त करने के लिए कोई निर्देश दिया जाए.
न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन कहा लेकिन आपको यह बताना होगा कि समस्या क्या है, क्योंकि अगर एक और बांध बनता है तो तमिलनाडु का पानी? यह चला जाता है. वरिष्ठ अधिवक्ता गिरि ने कहा कि वह बंद हो चुका है. दूसरा सुरकी में बनाया जा सकता है. केवल यही अदालत ऐसे निर्देश दे सकती है. इसपर सीजेआई ने कहा कि नोटिस जारी करें.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार, तमिलनाडु और केरल सरकारों तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) को नोटिस जारी किया है. यह एक जनहित याचिका (PIL) पर कार्रवाई है, जिसमें 130 साल पुराने मुल्लापेरियार बांध की सुरक्षा और संरचनात्मक स्थिरता पर चिंताओं के बीच इसे बदलने के लिए नया बांध बनाने की मांग की गई है. चीफ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने सेव केरल ब्रिगेड की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया कि ब्रिटिश काल के इस बांध के आसपास 1 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं.
चीफ जस्टिस (CJI) ने कहा कि मौजूदा बांध को मजबूत करने के लिए कुछ दिशा-निर्देशों के मानने की जरूरत हो सकती है. उन्होंने आगे सुझाव दिया कि इस मामले की जांच एक विशेषज्ञ समिति की तरफ से कराई जाए, ताकि बांध की सुरक्षा पहलुओं और नए ढांचे के निर्माण की संभावना का आकलन किया जा सके.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved