
नई दिल्ली: डायबिटीज (Diabetes) यानी मधुमेह भारत (India) समेत कई बड़े देशों के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही है. भारत में यह बीमारी इस कदर फैल रही है कि पिछले 25 सालों में डायबिटीज के मामले करीब 3 गुना तक बढ़ गए हैं. भारत सबसे अधिक डायबिटीज मरीजों के मामले में दूसरे नंबर पर है, जबकि दुनिया (World) में इस समय करीब 600 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 2024 में डायबिटीज की वजह से हर 9 सेकंड में एक शख्स की मौत हुई.
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) की ओर से जारी डायबिटीज एटलस (2025) के एडिशन में यह अनुमान लगाया गया है कि अगले 25 सालों में डायबिटीज की समस्या भयावह हो जाएगी. आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में दुनियाभर में 20-79 साल की उम्र के लोगों के बीच 589 मिलियन लोग यानी 58 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और 2050 तक यह संख्या बढ़कर करीब 853 मिलियन (85 करोड़) से अधिक हो जाएगी.
रिपोर्ट के अनुसार, इस समय दुनियाभर 20-79 साल की उम्र के बीच हर 9 में से एक शख्स इस मीठी बीमारी से पीड़ित है. यह संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है और 2050 तक 853 मिलियन हो जाने का अनुमान लगाया गया है. लगातार बढ़ती बीमारी की वजह से अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है. करीब एक ट्रिलियन डॉलर इस पर खर्च किए गए हैं और पिछले 17 सालों में इस पर 338 फीसदी की बढ़ोतरी है. डायबिटीज की वजह से दुनियाभर में मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. पिछले साल 2024 में दुनियाभर में 34 लाख लोगों की मौत इस बीमारी से हुई, इस तरह से हर 9 में से एक शख्स की मौत की वजह बनी डायबिटीज.
अगर वैश्विक नक्शे पर क्षेत्रवार स्तर पर देखें तो सबसे पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक 215 मिलियन लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं. इस क्षेत्र में चीन समेत 37 देशों को शामिल किया गया. इसके बाद दक्षिण-पूर्वी एशिया का नंबर आता है और यहां 107 मिलियन इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं. इसमें भारत समेत 7 देशों को शामिल किया गया. तीसरे नंबर पर आने वाले मध्य-पूर्व-उत्तर अफ्रीका क्षेत्र में डायबिटीज मरीजों की संख्या 85 मिलियन है. यूरोप में 66 मिलियन, उत्तरी अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र में 56 मिलियन, दक्षिण और मध्य अमेरिका में 35 मिलियन डायबिटीज के मामले हैं. सबसे कम डायबटिक मरीज 25 मिलियन अफ्रीका में हैं.
बात अब भारत की करें तो यहां पर वैश्विक स्तर पर हर 7 में से एक डायबिटीज मरीज भारत से जुड़ा है. 2024 में 20-79 साल की उम्र के बीच भारत में करीब 89.8 मिलियन लोग (करीब 9 करोड़ लोग) डायबिटीज से ग्रसित थे. वैश्विक स्तर पर डायबिटीज मरीजों के मामले में भारत चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. अनुमान के मुताबिक, अगर भारत में डायबिटीज मरीजों की संख्या इसी दर से बढ़ती रही तो 25 साल बाद 2025 तक देश में आज की तुलना में 75 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. साल 2024 में 89.80 मिलियन की तुलना में 2050 में यह संख्या 156.7 मिलियन हो जाएगी. तब भी ग्लोबल रैंकिंग में भारत दूसरे स्थान पर बना रहेगा.
जबकि देश में साल 2000 में डायबिटीज मरीजों की संख्या 32.7 मिलियन (3.20 करोड़ से अधिक) थी, जो 2011 में बढ़कर 61.3 मिलियन (6.12 करोड़ से अधिक)), 2024 में 89.8 मिलियन (8.98 करोड़ से अधिक) और 2050 में 156.7 मिलियन (15.67 करोड़ से अधिक) हो जाएगी. 2000 की तुलना में 2050 में इस संख्या में करीब 5 गुने की बढ़ोतरी हो जाएगी. डायबिटीज मौत की भी बड़ी वजह बनती है. 2011 में भारत में इस बीमारी से 983,203 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2024 में इस संख्या में कमी आई और 334,922.2 लोगों की मौत हुई.
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