
इन्दौर। पंजीयन कार्यालय में एक ही पद के दो अधिकारियों के बैठने के कारण वकीलों और आम जनता को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक ही विषय में दो-दो आदेश जारी किए जा रहे हैं, जिसे लेकर वकीलों ने महानिरीक्षक पंजीयन को लिखित में शिकायत की है कि दोनों ही अधिकारियों को हटाकर किसी अन्य योग्य व्यक्ति को इन्दौर कार्यालय में पदस्थ किया जाए। वकीलों ने कहा कि अधिकारी एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए शिकायतें करवाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। अत: जिले में दो के बजाय किसी एक अनुभवी और योग्य अधिकारी को पदस्थ किया जाए।
सरकार को सबसे अधिक राजस्व एकत्रित करके देने वाले पंजीयन विभाग कार्यालय में काम की अधिकता को देखते हुए शासन ने जिले में दो वरिष्ठ जिला पंजीयक की पदस्थापना की थी। जिले में एक ही पद के दो अधिकारी हो जाने से कई प्रकार की विसंगति और कठिनाइयां बढऩे लगी हैं। दोनों अधिकारियों के बीच आम जनता और उनके कार्य करने के लिए तैनात किए गए वकील परेशानी का सामना कर रहे हैं। विभाग में इन अधिकारियों द्वारा आए दिन अपना प्रभाव दिखाने के लिए कोई न कोई नया कारनामा किया जाता है और एक-दूसरे पर आक्षेप लगाकर शिकायतें भी करवाई जा रही हैं, जो न केवल इन्दौर की छवि धूमिल कर रहा है, बल्कि जिले को दिए गए राजस्व वसूली के टारगेट में भी पीछे धकेल रहा है।
काम एक आदेश दो
आपसी खींचतान और अधिकार निर्धारण के कारण एक ही विषय को लेकर दोनों के माध्यम से अलग-अलग आदेश जारी किए जाते हैं। दो अलग-अलग आदेश के कारण अधीनस्थ कर्मचारी और लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारी गफलत में हैं कि वह आखिर किसका आदेश मानें और किसका नहीं। इसके कारण काम में लेटलतीफी सामने आ रही है। उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा दिए गए तबादला आदेश के निर्देश के दौरान प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अनुशंसा के बाद भी जिले में तबादला सूची आज तक जारी नहीं की गई है। अनुशंसा के अनुसार जिस उपपंजीयक को दो नंबर में पदस्थ किया गया था उन्हें अचानक ही बदलकर एक नंबर कार्यालय में पदस्थ कर दिया गया, जबकि उक्त अधिकारी पर हाल ही में आर्थिक अपराध का मामला सामने आया है।
शासन ने परेशानी खड़ी कर दी
जिले के एक अभिभाषक ने मामले में महानिरीक्षक पंजीयन से शिकायत की है कि जिले में चार पंजीयन कार्यालय होने से शासन द्वारा मुख्यालय पर एक वरिष्ठ जिला पंजीयक तथा तीन जिला पंजीयक पदस्थ किए गए हैं। एक ही वरिष्ठ जिला पंजीयक के होने से सालों से विभाग का कार्य सुचारु रूप से चला आ रहा है। कुछ वर्ष पूर्व शासन ने इन्दौर में एक अन्य वरिष्ठ जिला पंजीयक की नियुक्ति कर परेशानी खड़ी कर दी है। पदस्थापना के बाद से ही वरीयता को लेकर विवाद सामने आने लगा है।
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