
25 पदों के लिए पहुंचे ढाई सौ से ज्यादा नाम
इन्दौर। सात माह की लंबी प्रतीक्षा के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नगर कार्यकारिणी (city executive) के गठन की तस्वीर अब धीरे-धीरे साफ होती दिख रही है, लेकिन जैसे ही प्रदेश संगठन (State Organization) ने रायशुमारी के फॉर्मेट में नगर पदाधिकारियों से नाम मांगे, वैसे ही एक अनार (One pomegranate), दस बीमार (10 sick) वाली कहावत सटीक साबित हो रही है।
प्रदेश संगठन ने सांसद, विधायक, महापौर के साथ ही वरिष्ठ भाजपा नेताओं से नाम सुझाने को कहा था, मगर अधिकांश नेताओं ने इसका पूरा ‘आजादी’ से लाभ उठाया और 25 पदों के लिए करीब 250 नामों की लंबी फेहरिस्त नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा तक पहुंच गई। सूत्रों का कहना है कि इतने सारे नामों में से सीधे किसी भी पद की घोषणा फिलहाल संभव नहीं है। नामों की स्क्रूटनिंग की जाएगी और फिर अलग-अलग चरणों में नगर कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की घोषणा होगी। हालांकि यह तय माना जा रहा है कि अब ज्यादा देर नहीं लगेगी और नगर भाजपा को जल्द ही नई कार्यकारिणी मिल जाएगी।
नगर अध्यक्ष की भूमिका सबसे अहम
भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा की भूमिका नगर इकाई के गठन में सबसे निर्णायक होगी। उनके बाद सांसद, विधायक, महापौर और प्रदेश पदाधिकारियों की राय को भी एडजस्ट किया जाएगा। अनुमान है कि इंदौर की घोषणा या तो सबसे पहले होगी, या फिर आखिरी चरण में उन शहरों के साथ की जाएगी, जहां समीकरण ज्यादा पेचीदा हैं। नगर अध्यक्ष का प्रयास है कि शहर की कार्यकारिणी की घोषणा सबसे पहले हो, लेकिन ढाई सौ नामों को एडजस्ट करना फिलहाल बड़ी चुनौती सा दिख रहा है।
सामाजिक समीकरणों का संतुलन
भाजपा हमेशा की तरह इस बार भी हिंदू समाज के सभी वर्गों को समावेशित करने का प्रयास करेगी। पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति, जैन समाज, सिख समाज और सिंधी समाज का संतुलन बैठाने की कवायद ही प्राथमिक होगी। पार्टी की परंपरा के अनुसार नगर स्तर पर अल्पसंख्यक समाज से किसी पदाधिकारी की संभावना कम ही लग रही है, लेकिन अल्पसंख्यक मोर्चे में उन्हें प्रतिनिधित्व दिया जाता रहा है।
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