
दूसरे नंबर पर अवैध संबंध और पति-पत्नी का विवाद, तीसरा कारण रंजिश
इंदौर। शहर में पुलिस कमिश्नरी (City Police Commissionerate) लागू हुए एक साल हो गया, लेकिन पुलिस हत्या जैसे गंभीर अपराध पर लगाम नहीं लगा सकी है। पुलिस ने जब हत्या के कारणों का पता लगाया तो यह बात सामने आई कि आधी हत्याएं तात्कालिक विवाद में हुई हैं, जबकि दूसरे नंबर पर पति-पत्नी का विवाद या अवैध संबंध कारण सामने आया। तीसरा कारण पुरानी रंजिश रहा। संगठित गिरोह ने भी चार हत्याओं को अंजाम दिया।
आज शहर में पुलिस कमिश्नरी (City Police Commissionerate) लागू हुए एक साल पूरा हो गया, लेकिन इसका कुछ खास असर देखने को नहीं मिला। 13 थाने कम करने के बाद 34 थानों में लागू कमिश्नरी सिस्टम में सभी अधिकार मिलने के बाद भी पुलिस हत्या, हत्या का प्रयास और महिला संबंधित अपराधों पर नियंत्रण नहीं पा सकी। पुलिस अब इसके कारणों पर निगरानी बनाए हुए है। पुलिस के अनुसार शहर में 11 माह में 65 हत्याएं हुई हैं। इनमें से आधी हत्याओं में तात्कालिक विवाद सामने आया है, जबकि 14 मामलों में हत्या का कारण पति-पत्नी या फिर अवैध संबंध रहे हैं। 9 मामलों में पुरानी रंजिश के चलते हत्या हुई, जबकि संगठित गिरोह ने चार हत्याओं को अंजाम दिया है। हालांकि संगठित गिरोह पर पुलिस ने लगाम लगाई है, जिसके चलते पिछले साल की तुलना में संगठित गिरोह द्वारा हत्या के मामले कम हुए हैं। बाकी की हत्या के कारण अलग-अलग देखने को मिले हैं। हत्या के प्रयास के मामले भी बढ़े हैं। इनमें भी सबसे अधिक घटनाएं तात्कालिक विवाद में ही हुई हैं।
हर माह शहर से चोरी हुईं 250 गाडिय़ां कहां गईं
वाहन चोरी कुछ साल से इंदौर पुलिस के लिए परेशानी बनी हुई है। लाख प्रयास के बाद भी पुलिस इसे रोकने में नाकाम रही है। इस साल 11 माह में शहर से 2769 गाडिय़ां चोरी हुई हैं। इस हिसाब से 250 गाडिय़ां हर माह चोरी हुई हैं। हालांकि पिछले साल इस अवधि में 3056 गाडिय़ां चोरी हुई थीं। कुछ हद तक पुलिस इस पर अंकुश लगा सकी है। इसके पीछे कंजर गिरोह और धार-टांडा का गिरोह होने के कारण पुलिस ने इनके डेरों पर लगातार कार्रवाई की और बड़ी संख्या में गाडिय़ां बरामद की, लेकिन वह चोरी गई गाडिय़ों का केवल 20 प्रतिशत है।
हर माह हथियार लेकर घूमते 153 लोग पकड़े गए
शहर पुलिस ने इस साल 10 माह में पिस्टल, तलवार, चाकू लेकर घूमते 1700 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस हिसाब से हर माह 153 लोग पकड़े गए। इनको यदि पकड़ा नहीं जाता तो घटनाएं और बढ़ सकती थीं। क्राइम ब्रांच ने अकेले ही इस साल पिस्टल के साथ दो सौ लोगों को पकड़ा है, जो एक रिकॉर्ड है।
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