
इंदौर। इंदौर (Indore) में एक गुरुद्वारे पर तिरंगा झंडा लगाने पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (Shiromani Gurdwara Management Committee) ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि गुरुद्वारे पर सिर्फ खालसा निशान ही फहराया जा सकता है। हालांकि अब गुरुद्वारे पर तिरंगा नहीं है, लेकिन सोशल मीडिया (social media) पर फोटो वायरल होने के बाद आपत्ति दर्ज कराई गई है।
जानकारी के मुताबिक मामला इंदौर के इमली साहिब गुरुद्वारा का है। गुरुसिंघ सभा से जुड़े एक सेवादार का कहना है कि आजादी के अमृत महोत्सव के बीच इंदौर के राजवाड़ा से 12 अगस्त को तिरंगा यात्रा निकाली गई थी। इलाके में उस दौरान झंडे बांटे गए थे। सेवादारों के कुछ बच्चों ने यह झंडा गुरुद्वारे पर लगा दिया। हालांकि उसे तत्काल हटवा लिया गया था, पर सोशल मीडिया पर ये फोटो वायरल हो गए। सेवादार ने कहा कि तिरंगे के प्रति पूरा सम्मान है। पर गुरुद्वारे के कुछ नियम हैं।
सोशल मीडिया पर जब ये फोटो वायरल हुए तो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी ने ट्वीट कर आपत्ति जताई है। कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने ट्वीट कर लिखा है कि सोशल मीडिया के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया कि ऐतिहासिक गुरुद्वारा इमली साहिब, इंदौर में तिरंगा फहराया गया है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। श्री गुरु नानक देव जी से जुड़े इस ऐतिहासिक गुरुद्वारा इमली साहिब में केवल खालसा के निशान साहिब को ही फहराया जा सकता है।
धामी ने आगे लिखा कि सिख रेहत मर्यादा (आचार संहिता) के अनुसार गुरुद्वारा प्रबंधन या प्रशासन, जिसने भी यह गलती की है, वह इस घटना के लिए जिम्मेदार है। हम इस घटना की तुरंत जांच कर रहे हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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