
नई दिल्ली । पाकिस्तान खौफ (pakistan terror)में है. इसकी वजह है भारत(India) के तेवर. विदेश सचिव विक्रम मिसरी(Foreign Secretary Vikram Misri) से जब एक विदेशी राजनियक (Foreign diplomats)ने पूछा कि क्या भारत का ऑपरेशन पूरा हो गया है? तो विक्रम मिसरी ने दो टूक जवाब दिया कि अभी सिर्फ 9 ही आतंकी कैम्पों पर हमला हुआ है, ऐसे में सवाल ये है कि क्या आगे भी भारत की आतंकी कैंप पर दोबारा स्ट्राइक की पूरी तैयारी है?
बुधवार रात एक बजकर पांच मिनट से रात डेढ़ बजे तक 25 मिनट के भीतर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 5 जगह पर और पाकिस्तान में सीधे घुसकर 4 जगह पर भारत ने आतंक के 9 बड़े ठिकानों को मिट्टी-मिट्टी कर दिया. जिसमें हाफिज सईद से लेकर मसूद अजहर तक के आतंक के वो अड्डे, मरकज शामिल हैं, जहां पर करीब तीन दशक से हाफिज और मसूद आतंकवादियों को ट्रेनिंग कराके भारत में हमले कराते रहे.
हालांकि पाकिस्तान के लिए अभी खतरा टला नहीं है, शहबाज शरीफ अपनी जनता को संसद से मूर्ख बना रहे हैं, वो कह रहे हैं कि पाकिस्तान ने भारत को मुंहतोड़ जवाब दिया है. पाकिस्तान तो सोशल मीडिया पर एक ऐसा प्रोपेगेंडा वॉर चला रहा है, जिसमें वो खुद को विजयी बता रहा है, लेकिन हम पाकिस्तान के लोगों से कहना चाहते हैं कि अपनी सेना के बहकावे में ना आएं, आज की रात भी आतंकी कैंपों के लिए भारी हो सकती है.
12 आतंकी ठिकानों पर मंडरा रहा खतरा
सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतंकी ठिकानों की लिस्ट बहुत लंबी थी और हमला अभी केवल 9 ठिकानों पर ही हुआ है. सेना की लिस्ट में 21 नाम शामिल हैं, लेकिन हमला अभी केवल 9 टारगेट पर हुआ है. यानी पाकिस्तान के लिए ये हमला तो बस ट्रेलर था, पिक्चर तो शायद अब शुरू होगी. इसमें सवाई कैंप, बिलाल कैंप, गुलपुर, कोटली कैंप, बरनाला, महमून, सरजल, मुरीदके और बहावलपुर जैसी जगह हैं, जहां आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया है. इसके अलावा 12 ऐसे आतंकी ठिकाने हैं जिन पर खतरा मंडरा रहा है. और हो सकता है कि उन पर आज की रात भारी हो.
25 मिनट के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत ने दिखाया दम
भारत ने पाकिस्तान को जिस तरह से घर में घुसकर मारा है, वो सच में, अदभुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय है. 25 मिनट के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत ने दिखा दिया है कि एक बार जो प्रधानमंत्री मोदी ने कमिटमेंट कर दी, फिर वो उसे पूरा करके ही दम लेते हैं. भारत ने पाकिस्तान से ऐसा बदला लिया है कि उसकी 7 पुश्तें याद रखेंगी. भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंक के 9 ठिकानों को ध्वस्त किया है और 100 से ज़्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया. कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि हमने पाकिस्तान और PoK में 9 टारगेट चुने थे और स्ट्राइक में इन्हें तबाह कर दिया गया. इन जगहों पर लॉन्चपैड, ट्रेनिंग सेंटर्स को टारगेट किया गया.
अब जानते हैं कि भारत ने पाकिस्तान और पीओके में किन 9 आतंकी ठिकानों पर अटैक किए…
हमला नंबर- 1 (लश्कर का सवाई नाला ट्रेनिंग सेंटर, मुज़फ्फराबाद, PoK)
मुज़फ्फराबाद में लश्कर-ए-तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर सवाई नाला है, यहां सोनमर्ग, गुलमर्ग, और पहलगाम हमले के आतंकियों ने ट्रेनिंग ली थी. जिसे भारतीय वायुसेना ने उड़ा दिया. कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि PoK में सबसे पहले टारगेट सवाई नाला मुजफ्फराबाद में था, ये लश्कर का ट्रेनिंग सेंटर था.
हमला नंबर- 2 (सैयदना बिलाल कैंप, मुज़फ्फराबाद, PoK)
आतंक का वो कैंप, जहां हथियार, विस्फोटक और जंगल में सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी, क्योंकि पीएम मोदी ने कहा था मिट्टी में मिला देंगे, तो आतंक के ठिकाने को मिट्टी में मिला दिया गया है.
हमला नंबर- 3 (कोटली का मस्कर राहील शाहिद कैंप)
हाफिद सईद के लश्कर का ये वही कैंप है, जहां पुंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हमला करने वाले आतंकी ट्रेंड हुए थे, भारत ने आतंकियों को चुन-चुनकर मारा है.
हमला नंबर- 4 (भिम्बर का बरनाला कैंप)
इस कैंप में आतंकियों को हथियार चलाना सिखाया जाता है. भारतीय वायुसेना ने इसे ध्वस्त कर दिया.
हमला नंबर- 5 (कोटली का अब्बास कैंप)
लाइन ऑफ कंट्रोल यानी एलओसी से 13 किलोमीाटर अंदर, आतंक के इस कैंप को भारत ने उड़ा दिया. यहां फिदायीन तैयार होते हैं.
हमला नंबर- 6 ( सियालकोट का सरजल कैंप)
इस कैंप के अंदर मार्च 2025 में पुलिस के जवानों की हत्या करने वाले आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी.
हमला नंबर- 7 (सियालकोट का हिजबुल महमूना जाया कैंप)
इसी कैंप में पठानकोट हमले की प्लानिंग की गई थी.
हमला नंबर- 8 (मुरीदके का मरकज़ तैयबा कैंप)
26/11 मुंबई हमले के सबसे बड़े आतंकी अजमल कसाब और मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की ट्रेनिंग यहीं हुई थी. भारत ने कल्पना से भी परे हमला करके आतंक के इस ठिकाने को ध्वस्त कर दिया.
हमला नंबर- 9 (जैश के हेडक्वार्टर मरकज़ सुभान अल्लाह पर हमला)
पाकिस्तान के बहावलपुर में घुसकर आतंकी मसूद अहज़र के हेडक्वार्टर को ध्वस्त कर दिया. जैश के इस मरकज़ में आतंकियों की ट्रेनिंग के बाद भर्ती होती थी
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