
भोपाल। बिजली की दर अप्रैल से लागू होनी है। इससे पहले प्रदेश के तीनों वितरण कंपनी में बिजली को लेकर जनसुनवाई की गई थी। जो गत दिवस पूरी हो गई। अब मप्र विद्युत नियामक आयोग को इस मामले में निर्णय करना है। वहीं बिना आपत्तियों के निर्णय लेने पर आयोग के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी आपत्तिकर्ताओं ने शुरू कर दी है। ज्ञात हो कि बीते 8 मार्च से पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उपभोक्ताओं के साथ सुनवाई की शुरुआत की गई थी। इसके बाद मध्य क्षेत्र और पश्चिम क्षेत्र में भी बिजली दरों को लेकर आज जनसुनवाई की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। बताया जाता है प्रदेश के सभी वितरण कंपनियों में नियामक आयोग के समक्ष आपत्तिकर्ताओं द्वारा बिजली दरों के बढ़ाने का विरोध किया गया। करीब दो सैकड़ा लोगों ने इस दौरान आपत्ति दर्ज की है। सामाजिक संगठनों, व्यापारिक संगठनों के साथ आम उपभोक्ताओं ने आयोग के समक्ष दल वृद्धि को लेकर विरोध जताया है। सुनवाई पूरी होने के बाद अब आयोग टैरिफ दर वृद्धि को लेकर निर्णय लेगा। आयोग के समय बिजली जनसुनवाई में खुलकर विरोध हुआ है। ऐसे में आयोग के समक्ष भी निर्णय लेने परेशानी खड़ी होगी। सुनवाई के दौरान सामने आए बिंदुओं को लेकर आयोग जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेगा।
तो कोर्ट जाएंगे आपत्तिकर्ता
अनावश्यक दरें बढ़ाने को लेकर आपत्तिकर्ताओं ने जबलपुर ही नहीं बल्कि इंदौर, भोपाल में भी अच्छा खासा विरोध हुआ है। यदि बिना आपत्ति के निराकरण के आयोग टैरिफ आदेश निकालता है तो आपत्तिकर्ताओं ने कोर्ट में जाने का निर्णय लिया है। आपत्तिकर्ता एड.राजेंद्र अग्रवाल, चेम्बर ऑफ कामर्स के मानसेवी मंत्री शंकर नाग्देव ने कहा कि अनावश्यक भ्रष्टाचार के कारण रेट बढ़ रहे हैं। कायदे से सभी जगह के एक से रेट होना चाहिए। पंजाब में आप ने बिजली फ्री देने, आधी कीमत देने की बात कही है यहां नई सरकार बन रही है। ऐसे में प्रदेश में भी दाम कम करने का प्रयास किया जाए। यदि पहले आपत्तियों का निराकरण नहीं होता है तो हम कोर्ट जाएंगे। राजेंद्र अग्रवाल का दावा है कि कई नियमों को अनदेखा करते हुए बिजली वितरण कंपनी उपभोक्ताओं को लूटने का प्रयास कर रही है।
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