
नई दिल्ली । बिहार में एसआईआर मुद्दे पर (On SIR issue in Bihar) संसद के मानसून सत्र में (In Monsoon Session of Parliament) विपक्ष चर्चा की मांग पर अड़ा (Opposition insists on Discussion) । विपक्षी सांसद सरकार पर मतदाता सूची में धांधली का आरोप लगा रहे हैं ।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “यह बहुत गंभीर मुद्दा है। अगर मतदाता सूची में ऐसी गड़बड़ियां हो रही हैं, तो इसे क्यों नहीं उठाया जाना चाहिए? सरकार को इस पर चर्चा शुरू करनी चाहिए, बहस करनी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।”
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, “यह लोकतंत्र को खत्म करने की पूरी साजिश है। अगर लोकतंत्र बचेगा, तो हम इस देश में बचेंगे। लेकिन वे (सरकार) इसे खत्म करना चाहते हैं। वे लगातार हमले करते रहते हैं, अब क्या फर्क पड़ता है? जब कोई इस देश में रहने वाली आबादी के एक बड़े हिस्से को अपना नागरिक मानने को तैयार ही नहीं है, तो क्या ही कहा जा सकता है?”
कांग्रेस सांसद अमर सिंह ने कहा, “मैं बार-बार कहता हूं कि भारत के संविधान में साफतौर पर लिखा है कि 18 साल से ज्यादा उम्र के हर पुरुष और महिला को वोट देने का अधिकार है। इसे वयस्क मताधिकार कहते हैं। संविधान के तहत चुनाव आयोग इसी उद्देश्य से बनाया गया था। जहां भी सत्ताधारी दल को सुविधा हुई, जैसे महाराष्ट्र में, उन्होंने लोकसभा और विधानसभा दोनों की मतदाता सूचियों में 75 लाख मतदाता जोड़ दिए।”
कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने कहा, “हम पहले दिन से ही एसआईआर और पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हुई और हमने इसमें पूरी तरह से भाग लिया। लेकिन दुर्भाग्य से, जब एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बाधा आती है, जब हमारा चुनाव आयोग पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं होता है, तो यह पूरी दुनिया को पता होना चाहिए। बिहार चुनाव नजदीक है, इसलिए हम फिर से इसकी मांग कर रहे हैं और विरोध कर रहे हैं।” कांग्रेस सांसद सप्तगिरि शंकर उलाका ने कहा, “हम एसआईआर पर चर्चा चाहते हैं, लेकिन यह सरकार किसी भी चर्चा में शामिल होने को तैयार नहीं है। इसलिए हम विरोध कर रहे हैं।”
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद पी. संतोष कुमार ने एसआईआर को लेकर कहा, “सभी जानते हैं कि एसआईआर के बाद क्या हुआ। 60 लाख से ज्यादा लोग अभी भी लिस्ट से बाहर हैं। उनके नाम लिस्ट में नहीं हैं। यह कैसी व्यवस्था है? यह बहुत भयानक बात है और एसआईआर इसका सबसे बुरा उदाहरण है। हमें और क्या सबूत चाहिए? एसआईआर को वापस लिया जाना चाहिए।”
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved