
नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति पद(Vice Presidential Post) के लिए चुनाव 9 सितंबर को होगा। भाजपा के नेतृत्व(The BJP leadership) वाले एनडीए से मुकाबले के लिए विपक्ष(Opposition) साझा उम्मीदवार खड़ा कर सकता है। ऐसे में कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं। 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ का अचानक इस्तीफा पहली ऐसी घटना है, जब किसी उपराष्ट्रपति ने पद पर रहते हुए त्यागपत्र दे दिया और उच्च पद के लिए दावेदारी नहीं की। इस्तीफे के समय धनखड़ का कार्यकाल 2 साल से अधिक बचा था। इससे पहले वीवी गिरि और आर वेंकटरमन ने पद पर रहते हुए इस्तीफा दिया था लेकिन दोनों ने क्रमश: 1969 और 1987 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था।
आयोग ने शुक्रवार को घोषणा की कि 17वें उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव 9 सितंबर को होगा। चुनाव के लिए अधिसूचना 7 अगस्त को जारी होगी और नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त होगी। इसने कहा कि अगर मतदान की जरूरत हुआ तो यह 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन के फर्स्ट फ्लोर पर स्थित कक्ष संख्या एफ-101, वसुधा में होगा। उसी दिन नतीजे घोषित किए जाएंगे।
किसी प्रयोग से बचना चाहेगी भाजपा
विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा है कि वे उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए साझा उम्मीदवार उतार सकते हैं। उम्मीद है कि भाजपा इस चुनाव में संगठन और राजनीतिक प्रतिबद्धता को प्राथमिकता देगी। एनडीए किसी प्रयोग पर जोर नहीं देगा, जिसके कारण कई बार उसने अपने संगठन से जड़ों से जुड़े किसी नेता के बजाय किसी अन्य को चुना है, जैसा कि 2022 के चुनाव में धनखड़ के मामले में हुआ था।
निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए राज्यसभा महासचिव को निर्वाचन अधिकारी और राज्यसभा सचिवालय के दो अधिकारियों को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं। राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के पात्र होते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य, राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 सदस्य शामिल होते हैं।
सीटों का समीकरण समझिए
राज्यसभा में 5 और लोकसभा में एक सीट खाली है, जिससे निर्वाचक मंडल की प्रभावी संख्या 782 है। ऐसे में जीतने वाले उम्मीदवार को 391 मतों की आवश्यकता होगी, बशर्ते सभी पात्र मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करें। आगामी चुनाव में सत्तारूढ़ राजग को बढ़त हासिल है। लोकसभा की 543 सीट में से एक सीट, पश्चिम बंगाल में बशीरहाट रिक्त है, जबकि 245 सदस्यीय राज्यसभा में 5 सीट खाली हैं।
राज्यसभा में पांच खाली सीट में से चार जम्मू-कश्मीर से और एक पंजाब से है। लोकसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 542 सदस्यों में से 293 का समर्थन प्राप्त है। सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा (प्रभावी सदस्य संख्या 240) में 129 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, बशर्ते कि मनोनीत सदस्य राजग उम्मीदवार के समर्थन में मतदान करें। सत्तारूढ़ गठबंधन को कुल 422 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved