
नई दिल्ली । संसद (Parliament) का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से ही शुरू होने वाला है। विपक्ष (Opposition) ने इस सत्र में सरकार (Government) को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर भी सरकार से सवाल करेगा। वहीं सरकार ने भी विपक्ष को जवाब देने की रणनीति बना ली है। शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, पीयूष गोयल, किरण रिजिजू, मनोहर लाल, एल मुरुगन, अर्जुन राम मघवाल, सीआर पाटिल और कई अन्य नेता भी मौजूद थे। इसके अलावा एनएसए अजित डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के चीफ भी रक्षा मंत्री के आवास पर पहुंचे थे।
मोदी सरकार हर तरीके से विपक्ष को शांत कराने के प्रयास में है ताकि मॉनसून सत्र ठीक से चल सके। वहीं कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी, आरजेडी और अन्य विपक्षी दल कई मुद्दों पर सरकार को घेरने को तैयार बैठे हैं। विपक्ष के पास एसआईआर का भी मुद्दा है। उनका कहना है कि चुनाव से पहले मतदाता सूची में यह सुधार केवल बीजेपी के वोट बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है।
मॉनसून सत्र में पेश हो होंगे कौन से बिल?
इस मॉनसून सत्र में सरकार कई विधेयक पेश कर सकती है और इन्हें पास करवाने का प्रयास कर सकती है। इनमें मणिपुर गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स संशोधन विधेयक 2025, जन विकास विधेयक 2025, आईआईएम संशोधन विधेयक 2025, टैक्सेशन कानून विधेयक 2025, जियो हेरिटेज साइट्स ऐंड जियो रेलिक्स विधेयक 2025, माइन्स ऐंड मिनरल्स संशोधन विधेयक 2025, नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल और नेशनल एंटी डोपिंग अमेंडमेंट बिल शामिल हैं।
इससे पहले सोनिया गांधी ने भी कांग्रेस संसदीय दल की बैठक बुलाई थी। यह सत्र भी हंगामेदार होने की उम्मीद है। कांग्रेस पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की कूटनीतिक गतिविधियों पर चर्चा की मांग भी करती रही है। सरकार ने घोषणा की है कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक जारी रहेगा, जो पहले से तय समय से एक सप्ताह ज़्यादा है। इससे बड़ी विधायी कार्यसूची का संकेत मिलता है। पहले यह सत्र 12 अगस्त को समाप्त होना था लेकिन अब इसे एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है।
लंबी अवधि वाला सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र के प्रवेश को सुगम बनाने सहित कई प्रमुख विधेयक लाने की योजना बना रही है। सरकार, ‘परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम’ और ‘परमाणु ऊर्जा अधिनियम’ में संशोधन करने की योजना बना रही है ताकि परमाणु क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने संबंधी केंद्रीय बजट की घोषणा पर अमल किया जा सके।
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