
नई दिल्ली: देश की न्यायपालिका (Judiciary) में भ्रष्टाचार (Corruption) के कथित गंभीर मामले ने एक बार फिर से संसद और जनता दोनों के मन में सवाल खड़े कर दिए हैं. दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में पदस्थापित रहे और अब इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर किए गए जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) के खिलाफ महाभियोग (Impeachment) चलाने की विपक्षी दलों की मांग को राज्यसभा (Rajya Sabha) ने मंजूरी नहीं दी है.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि यह प्रस्ताव राज्यसभा में कभी औपचारिक रूप से स्वीकार ही नहीं किया गया, इसलिए उसे वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता. अगर प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो तीन लोगों की एक टीम बनाई जाएगी. इसमें एक सुप्रीम कोर्ट के जज, एक हाई कोर्ट के जज और एक जाने-माने कानून विशेषज्ञ शामिल होंगे. यह समिति जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रिपोर्ट संसद को सौंपेगी.
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