
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को वक्फ संशोधन अधिनियम (Waqf Amendment Act) पर अहम फैसला देते हुए कानून (Law) की कुछ धाराओं पर रोक लगा दी है। हालांकि सर्वोच्च अदालत ने पूरे कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अब प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) के सदस्य सैयद कासिम रसूल इलियास का कहना है कि, ‘काफी हद तक हमारी बात मान ली गई है। ‘वक्फ बाय यूजर’ वाली हमारी बात मान ली गई है। इसके साथ ही, संरक्षित स्मारकों पर हमारी बात भी मानी गई है कि कोई तीसरा पक्ष दावा नहीं करेगा। जो पांच साल का नियम लगाया गया था, उसे हटा दिया गया है। मैं कहना चाहता हूं कि कुल मिलाकर हमारी कई बातें मान ली गई हैं, और हमें लगता है कि फैसला काफी हद तक संतोषजनक है।’
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा, ‘यह वाकई एक अच्छा फैसला है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की साजिश और इरादों पर लगाम लगाई है। जमीन दान करने वाले लोग इस बात से डरते थे कि सरकार उनकी जमीन हड़पने की कोशिश करेगी। यह उनके लिए राहत की बात है। सरकार कैसे तय करेगी कि कौन पांच साल से मुसलमान है? यह आस्था का मामला है। हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।’
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