
इस बार दावेदारों की संख्या बढ़ी,मेंदोला, मालिनी, हार्डिया, उषा, तुलसी मंत्री तो विजयवर्गीय मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल
इंदौर। इस बार इंदौर (Indore) की सभी 9 सीटें भाजपा ने जीत ली है तो आधा दर्जन विधायक वरिष्ठ भी हो गए, जो पिछले कई चुनाव लगातार जीतते रहे हैं। नतीजतन एक विधायक को तो मुख्यमंत्री, वहीं 5 अन्य को काबीना मंत्री बनने की चाहत है, जो लगातार बयानों में सामने भी आ रही है। हालांकि पार्टी आलाकमान ही तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन हो, क्योंकि इस बार शिवराज (Shivraj) सहित अन्य कई दावेदार कतार में हैं, जो परिणाम आने के तुरंत बाद दिल्ली दरबार जाकर धोक भी दे रहे हैं। अब केन्द्रीय नेतृत्व किसको कमान सौंपता है, उसका खुलासा एक-दो दिन में होने की संभावना है।
रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले रमेश मेंदोला ने तो कल ही बयान दे दिया कि कैलाशजी को मुख्यमंत्री बनाया जाए, क्योंकि लोग भी उन्हें इस रूप में देखना चाहते हैं। हालांकि खुद मेंदोला को भी मंत्री बनाने की मांग जोर-शोर से उठने लगी है। पिछली बार भी उपचुनावों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के चलते मंत्री पद देने की चर्चा जोर-शोर से चली, मगर वे मंत्री नहीं बन सके। इस बार सबसे अधिक मतों से जीतने के बाद सोशल मीडिया पर भी उनके समर्थकों ने दादा दयालु को मंत्री बनाने की मुहिम शुरू कर दी तो दूसरी तरफ कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक तो उनको टिकट मिलने के साथ ही इस बात को कहते रहे कि उन्हें मुख्यमंत्री का पद मिलना चाहिए, वहीं खुद विजयवर्गीय ने भी टिकट मिलने के बाद यह बयान दिया था कि पार्टी ने उन्हें सिर्फ विधायक बनाने के लिए नहीं, बल्कि कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपने के लिए मैदान में उतारा है। अब हालांकि यह तो दिल्ली दरबार से तय होगा कि विजयवर्गीय की मुराद पूरी होती है अथवा नहीं। अगर मुख्यमंत्री नहीं बन पाए तो उपमुख्यमंत्री या गृहमंत्री बनने की भी चर्चा शुरू हो गई है। इधर उषा ठाकुर, जो वर्तमान में मंत्री है और महू से फिर चुनाव जीत गई, उनकी भी मंत्री पद की दावेदारी रहेगी, तो महेन्द्र हार्डिया एकमात्र ऐसे विधायक बन गए, जो लगातार 5 बार एक ही सीट से चुनाव जीतते रहे। हालांकि हार्डिया पूर्व में मंत्री रह भी चुके हैं और अब पांचवीं जीत के बाद उनके समर्थकों ने बाबा को मंत्री बनाने की मांग बुलंद कर दी है। दूसरी तरफ अयोध्या में भी 70 हजार मतों से जीतने वाली मालिनी गौड़ की भी मंत्री बनने संभावना प्रबल है, क्योंकि वे इंदौर की सबसे सफल महापौर भी साबित हुई हैं और उनके कार्यकाल में 5 बार शहर स्वच्छता में नम्बर वन रहा, वहीं सांवेर से भी अच्छे मतों से जीते तुलसीराम सिलावट, जो वर्तमान में मंत्री हैं ही और सिंधिया खेमे के सिपहसालार भी हैं, वे भी फिर से मंत्री बनेंगे ही, वहीं जीतू पटवारी को हराने वाले मधु वर्मा भी मंत्री पद की दौड़ में रहे, क्योंकि वे भी जहां वरिष्ठ भाजपा नेता रहे और प्राधिकरण अध्यक्ष के रूप में भी उनका कार्यकाल बेहतर रहा है।
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