
नई दिल्ली. भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच एशिया कप (Asia Cup) का मैच आज रात खेला जाएगा। हालांकि इस मैच को लेकर पहलगाम हमले (Pahalgam attack) के पीड़ित (victims) परिवारों में गुस्सा और नाराजगी है। पहलगाम हमले के एक पीड़ित परिवार के सदस्यों ने भारत और पाकिस्तान के बीच आगामी क्रिकेट मैच को लेकर सरकार की आलोचना की और कहा कि जब से उन्हें यह खबर मिली तो परिवार बहुत परेशान हुआ। पहलगाम हमले में अपने पिता और भाई को खोने वाले सावन परमार ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अब बेकार लगता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर अब बेकार लगता है’
सावन ने कहा कि ‘जब हमें पता चला कि भारत बनाम पाकिस्तान मैच आयोजित किया जा रहा है, तो हम बहुत परेशान हो गए। पाकिस्तान से किसी भी तरह का संबंध नहीं रहना चाहिए। अगर आप मैच खेलना चाहते हैं, तो मेरे 16 साल के भाई को वापस लाएं, जिसे कई गोलियां मारी गईं। ऑपरेशन सिंदूर अब बेकार लगता है।’
‘हमारे जख्म अभी भरे नहीं हैं’
किरन ने कहा कि ‘यह मैच नहीं होना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री मोदी से पूछना चाहती हूं कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, तो फिर भारत बनाम पाकिस्तान मैच क्यों हो रहा है? मैं देश के सभी लोगों से कहना चाहती हूं कि वे पहलगाम आतंकी हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों से मिलें और देखें कि वे कितने दुखी हैं। हमारे जख्म अभी भरे नहीं हैं। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। इस मुकाबले को लेकर मिली-जुली भावनाएं हैं और पाकिस्तान के खिलाफ इस मैच का बहिष्कार करने की मांग की जा रही है। पूर्व ऑलराउंडर और भाजपा नेता केदार जाधव ने भी भारत-पाकिस्तान मैच को रद्द करने की मांग की थी। जाधव ने अपनी राय व्यक्त की कि भारत को इस मैच में हिस्सा नहीं लेना चाहिए।
ओवैसी बोले- क्या मैच के करोड़ों रुपये 26 जानों से ज्यादा कीमती हैं?
एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर नाराजगी जाहिर की। ओवैसी ने कहा कि ‘क्या एक क्रिकेट मैच के करोड़ों रुपये की कमाई उन 26 जानों से ज्यादा कीमती है? उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी सवाल पूछा कि क्या उनके पास ये ताकत नहीं है कि वे पाकिस्तान के साथ होने वाले मैच को लेकर विरोध जताएं और इस मैच से इनकार कर सकें?’ उन्होंने पीएम मोदी को उनकी पुरानी बात याद दिलाते हुए कहा कि ‘पीएम मोदी ने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते’, ‘संवाद और आतंक साथ नहीं चल सकते’, तो अब क्या बदला?
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