
नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Khadge) ने मांग की कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर (Pahalgam Terror Attack and Operation Sindoor) पर चर्चा कराई जाए (Should be Discussed) । कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह मांग उठाते हुए कहा कि नियम 267 के तहत राज्यसभा के अन्य सभी कार्यों को स्थगित कर सबसे पहले जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर व उसके बाद की स्थिति पर चर्चा कराई जाए।
उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ था। उन्होंने हमले के आरोपी चारों आतंकवादियों के अभी तक न पकड़े जाने को लेकर भी प्रश्न किया। वहीं, सत्ता पक्ष की ओर से नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि वे इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति दिन और समय तय करें, सरकार चर्चा करेगी और हर प्रश्न का जवाब देगी। हालांकि, विपक्षी सांसद आज ही इस विषय पर चर्चा चाहते थे, जिसके चलते सदन में नारेबाजी होने लगी और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
राज्यसभा में इस विषय पर अपनी बात रखते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार ने हमको बताया कि आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर उन्हें खत्म कर दिया गया है। हमने ही नहीं बल्कि सभी पार्टियों ने सरकार को आतंकवाद के मुद्दे पर पूरा समर्थन दिया। कोई प्रश्न नहीं किया, ताकि सेना का मनोबल ऊंचा बना रहे। देश को मजबूत बनाने के लिए और देश में एकता बनाए रखने के लिए हमने पूरा समर्थन दिया, लेकिन हुआ क्या, पहलगाम हमले के आतंकी पकड़े नहीं गए। जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल ने स्वयं स्वीकार किया है कि यह एक इंटेलिजेंस फेल्योर था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, उप सेना प्रमुख व एक वरिष्ठ डिफेंस अटैची ने बेहद संवेदनशील खुलासे किए हैं। पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सदन में जानकारी रखी जानी चाहिए। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच समझौता कराने का मुद्दा भी सदन के समक्ष उठाया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अभी तक 24 बार अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप कह चुके हैं कि उनके हस्तक्षेप से भारत और पाकिस्तान का यह युद्ध समाप्त हुआ है।
खड़गे का कहना था कि ट्रंप बार-बार यह कहते हैं कि आ रहे हैं, और कांग्रेस पार्टी की ओर से खड़गे ने इस बार अपनी आपत्ति दर्ज की। वहीं इसके जवाब में नेता सदन व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि देश की आजादी के बाद से आज तक इस तरह की कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सरकार इस विषय पर चर्चा के लिए सहमत है। उन्होंने कहा कि सभापति इस चर्चा का दिन और समय तय करें। हम पूरी चर्चा के लिए तैयार हैं।
इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का कहना था कि सरकार पहले ही इस विषय पर चर्चा के लिए अपनी सहमति दे चुकी है। मुझे इस संबंध में राज्यसभा सभा सदस्य का प्रस्ताव भी मिला है जिस जिसको स्वीकार कर लिया गया है। सदन के नेता व अन्य सांसदों से चर्चा के उपरांत इस विषय पर चर्चा के लिए एक दिन और समय तय किया जाएगा। हालांकि, विपक्षी सांसद राज्यसभा चेयरमैन के इस बयान से संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने प्रधानमंत्री सदन में आओ के नारे लगाना शुरू कर दिया। सदन में बढ़ते हंगामे को देख सभापति ने सदन की कार्रवाई कुछ देर के लिए स्थगित कर दी।
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