ढाका। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर ढाका (Dhaka) पहुंचे। उनका उद्देश्य लंबे समय से प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के पद से हटने के बाद बांग्लादेश (Bangladesh) के साथ संबंधों को फिर से मजबूत करना है। 2012 के बाद से बांग्लादेश की यात्रा करने वाले सबसे वरिष्ठ पाकिस्तानी नेता डार को लेकर एक विशेष विमान ढाका पहुंचा। इस्लामाबाद ने इसे द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। बांग्लादेश के विदेश सचिव असद आलम सियाम ने ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर डार का स्वागत किया। हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान का दौरा करके डार से मुलाकात की थी। पहले चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात और अब डार की बांग्लादेश की यात्रा के बाद कई तरह की चर्चाएं होने लगी हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या बांग्लादेश से संबंध सुधारकर पाकिस्तान भारत को नई टेंशन दे रहा है?
हिना रब्बानी खार नवंबर 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री हसीना को इस्लामाबाद में एक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित करने के लिए ढाका जाने वाली अंतिम पाकिस्तानी विदेश मंत्री थीं। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि शीर्ष पाकिस्तानी राजनयिक रविवार को विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जहां लगभग आधा दर्जन समझौतों और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
कार्यक्रम से परिचित एक अधिकारी ने बताया, “उनके (डार) मुख्य सलाहकार (अंतरिम सरकार प्रमुख) मुहम्मद यूनुस से शिष्टाचार भेंट करने की उम्मीद है। इसके अलावा, बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) की अध्यक्ष खालिदा जिया और जमात-ए-इस्लामी के नेताओं के साथ भी उनकी मुलाकात होने की उम्मीद है।” शुक्रवार को, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि इन बैठकों के दौरान द्विपक्षीय संबंधों और कई क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की जाएगी। डार अप्रैल में बांग्लादेश की यात्रा पर जाने वाले थे, लेकिन पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ तनाव के कारण उनकी यात्रा स्थगित कर दी गई। हालांकि, पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलूच ने बांग्लादेश के साथ राजनयिक संबंधों में 15 साल के अंतराल के बाद अप्रैल में परामर्श के लिए ढाका का दौरा किया।
चीनी विदेश मंत्री से मिले थे डार
पिछले दिनों पाकिस्तानी विदेश मंत्री डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। इसके बाद पाकिस्तान और चीन ने गुरुवार को औद्योगिक, कृषि और खनन क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की। डार और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा के लिए रणनीतिक परामर्श किया। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय (एफओ) ने कहा कि इस्लामाबाद में विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता के छठे दौर के दौरान, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के कई पहलुओं पर गहन विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा 2.0, व्यापार और आर्थिक संबंध, बहुपक्षीय सहयोग और दोनों देशों की जनता के बीच संबंध शामिल थे।
भारत के लिए कितनी टेंशन?
पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते दशकों से खराब रहे हैं, जबकि बांग्लादेश में हसीना की सरकार जाने के बाद से ही भारत के संबंधों में खटास आने लगी है। वहीं, पांच साल पहले सीमा विवाद के चलते हुई गलवान हिंसा के बाद से भारत और चीन के बीच भी लंबे वक्त तक रिश्ते अच्छे नहीं रहे। हालांकि, अब संबंधों में सुधार हो रहा है। पाकिस्तान एशिया में उन देशों के साथ संबंध अच्छे करने में लगा हुआ है, जिससे भारत की खटास चल रही है। यही वजह है कि अब 13 साल बाद डार बांग्लादेश पहुंचे हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान चीन का पुराना दोस्त तो है ही, अब वह बांग्लादेश से भी संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर भारत के खिलाफ उसे बांग्लादेश का साथ मिल सके। हालांकि, पाकिस्तान के लिए आगे की राह इतनी भी आसान नहीं होने वाली है, क्योंकि अगले साल बांग्लादेश में आम चुनाव होने हैं और यदि सत्ता में बदलाव होता है तो भारत और बांग्लादेश के संबंध फिर से पटरी पर लौट सकते हैं और पाकिस्तान की चाल नाकाम हो जाएगी। इसके अलावा, विगत दिनों में चीन से भी भारत के संबंधों में सुधार आ रहा है। इस महीने के आखिरी में पीएम मोदी चीन में होने वाली एससीओ की बैठक में भी जा रहे हैं, जिससे दोनों देशों के संबंध फिर से बेहतर हो जाएंगे। ऐसे में साफ है कि चीन और बांग्लादेश के साथ मिलकर भारत के खिलाफ साजिश रचने की पाकिस्तान की चाल कामयाब नहीं होने वाली है।
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