
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुए बर्बर आतंकी हमले (Terrorist attacks) में जब 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद भारत ने कड़ा संदेश दिया है कि अब चुप्पी नहीं, करारा जवाब मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 29 अप्रैल को देश की सेना को पूरी छूट दी कि वो कब, कैसे और कहां जवाब दे, ये निर्णय वही करें। बस इसी के बाद से पाकिस्तान (Pakistan) के हुक्मरानों और फौजियों की नींद उड़ गई है।
पाकिस्तानी फौज के मुखिया जनरल असीम मुनीर ने रावलपिंडी के जीएचक्यू में कोर कमांडर्स की एक विशेष बैठक बुलाई। बैठक के बाद जारी बयान में पाक सेना ने वही घिसा-पिटा राग अलापा। उन्होंने कहा, “हमारी संप्रभुता पर कोई हमला नहीं सहेंगे।” उन्होंने अपनी सेना को किसी भी हालात के लिए तैयार रहने का आदेश दिया।
मुनीर ने फिर अलापा घिसा पिटा राग
इस बैठक में पाक सेना ने भारत पर आरोप लगाया कि वो हर संकट का राजनीतिक और सैन्य फायदा उठाता है। इतना ही नहीं, उन्होंने पुराना मामला उठाते हुए कहा कि भारत ने 2019 के पुलवामा हमले को भी बहाना बनाकर कश्मीर से धारा 370 हटाई थी। अब वो पहलगाम हमले को पानी की लड़ाई यानी सिंधु जल संधि पर चोट करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है।
भारत की नीति स्पष्ट
ये आरोप उसी मुल्क के हैं जिसने दशकों से आतंक की फैक्ट्री चलाई है और जिसे पूरी दुनिया अब आतंकवाद का गढ़ मानने लगी है। भारत की स्पष्ट नीति है कि आतंकवाद जहां से आएगा, वहीं मारा जाएगा। और यही बात पाकिस्तान को चुभ रही है। बैठक के अंत में जनरल मुनीर ने पाकिस्तान की सेना की तैयारी और हौसले की बात की, लेकिन सच्चाई ये है कि उनकी फौज आज अपने ही मुल्क में आंतरिक अस्थिरता, आर्थिक बदहाली और जनता के गुस्से से जूझ रही है।
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