
डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. तनाव बढ़ने के पीछे की वजह हमले में पाकिस्तान का शामिल होना है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच NIA कर रही है, शुरुआती रिपोर्ट में पता चला है कि हमले का प्लान पाकिस्तान में बैठकर बनाया गया था, जिसमें पाकिस्तानी सेना के कुछ अधिकारी भी शामिल थे. यही कारण है कि भारत पाकिस्तान पर लगातार कार्रवाई कर रहा है.
इस बीच पाकिस्तान ने दुनियाभर के देशों से हो रहे विरोध के बीच अलग ही राग अलापना शुरू कर दिया है. पाकिस्तान ने हाल ही में भारत पर आतंकवादी हमलों का आरोप लगाते हुए फ़र्ज़ी सबूत पेश किए. लेकिन भारतीय साइबर विशेषज्ञों ने इन सबूतों की पोल खोल दी है. भारत में हुए आतंकी हमले के बाद दुनिया भर के कई देश पाकिस्तान की निंदा कर रहे हैं और आतंकियों का साथ देने का आरोप लगा रहे हैं.
दूसरी तरफ भारत भी एक के बाद एक एक्शन ले रहा है. इन एक्शन से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर ही आतंकवादी हमलों का आरोप लगाया है. पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने भारत पर पाकिस्तान में आतंकी हमलों का आरोप लगाया. इस आरोप के पीछे उन्होंने कई सबूत भी शेयर किए हैं. हालांकि इन सबूतों की पोल भी खुल गई है और पाकिस्तान अपनी ही साजिश में एक बार फिर घिर गया है.
पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हमने दो दिन पहले ही एक आतंकवादी पकड़ा है. वह आतंकी भारतीय है. उसके पास से दो मोबाइल फोन, ड्रोन और अन्य उपकरण मिले है. इससे साफ होता है कि यही भारत पाकिस्तान में आतंकी वारदातों को अंजाम देता है. इस दावे के साथ ही पाकिस्तान ने एक्सपर्ट को भी इसकी जांच करने के लिए इनवाइट किया है. पाकिस्तान ने इन सबूतों के जरिए अपने आप को पहलगाम हमले में शामिल न होने की बात दोहराई है.
पाकिस्तान ने अपनी प्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई सबूत दिए थे, जिसकी भारत के कई साइबर एक्सपर्ट ने जांच की थी. इस जांच में पाकिस्तान की पुरानी आदत ही सामने आई है. जांच में पाया गया कि पाकिस्तान की तरफ से दिए गए सारे सबूत फर्जी हैं. स्क्रीनशॉट्स में छेड़छाड़ करके उन्हें बनाया गया है. इसके साथ ही जो सबूत हैं उनमें समय यानी कि टाइम चेंज भी किया गया है. जितनी भी कहानी पाकिस्तान ने सुनाई है वो सब झूठी और मनगढ़ंत है.
पाकिस्तान ने अपने दावे में कहा कि उसने एक आतंकी को गिरफ्तार किया है. जिसके पास से मोबाइल जब्त किया गया है. इसके साथ ही कई और बातें कही गई हैं. जब इस फोन डिटेल की जांच भारतीय एक्सपर्ट ने की तो पाया कि जब्त फोन के स्क्रीनशॉट में आतंकी हैंडलर ‘शकंदर’ ऑनलाइन है. जबकि फोन पाक प्रशासन के कब्जे में था और जांच हो रही थी. यह कैसे संभव है कि जिस आतंकी के फोन की आप जांच कर रहे हैं, वो ऑनलाइन हो.
पाकिस्तान ने जारी किए गए सबूतों में साल भर पुरानी व्हाट्सएप रिकॉर्डिंग भी दिखाई. इसके लिए या तो आतंकी ने कॉल-रिकॉर्डिंग मैलवेयर इंस्टॉल किया या ISI ने स्पाईवेयर प्लांट किया. तो इसका मतलब यह है कि उसे आतंकी हमले की जानकारी थी? इसके अलावा स्क्रीनशॉट मैसेज भेजने के कुछ ही मिनटों के बाद लिए गए है. जिससे ये साफ है कि आतंकी ख़ुद अपने मैसेज के स्क्रीनशॉट ले रहे थे?
पाकिस्तान का दावा है कि आतंकी के घर से भारतीय ड्रोन बरामद हुआ. लेकिन असलियत यह है कि रिवर्स इमेज में ड्रोन चीन का DJI मॉडल निकला. पाकिस्तान ने दावा किया कि कई खातों में मनी ट्रेल के सबूत मिले हैं, जबकि जांच में सामने आया है कि पैसे किसी पाकिस्तानी ने ही भेजे हैं. पाक ने दावा किया कि गिरफ्तार हुआ आतंकी हिंदी-पंजाबी में बोलता है, जिसकी रिकॉर्डिंग शेयर की गई, जबकि जांच में पाया गया कि रिकॉर्डिंग ने दो अलग-अलग लोगों की आवाज है.
पाकिस्तान की तरफ से जितने भी सबूत पेश किए गए हैं उन सभी की जांच भारतीय एक्सपर्ट ने की है. जांच में पाया गया कि पाकिस्तान ने ये पूरे सबूत खुद ही प्लांट किए हैं ऐसा इसलिए क्योंकि कई चीजें जो सबूत में थी वो साल भर पुरानी और अलग-अलग लोगों की थी.
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