
लाहौर। पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) ने अपने दक्षिणी-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान (Southwestern Province Balochistan) में अफगान शरणार्थियों (Afghan refugees ) पर फिर बड़ा कहर ढाया है। पाकिस्तान के जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि बलूचिस्तान प्रांत (Balochistan Province) में 10 शिविरों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, जबकि 85,000 अफगान शरणार्थियों को जबरन डिपोर्ट कर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मंगलवार को क्वेटा शहर में 3,800 प्रवासियों को गिरफ्तार भी किया गया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि क्वेटा में अफगान शरणार्थियों के खिलाफ पाक सरकार की कठोर कार्रवाई जारी है। इसी के तहत मंगलवार को शहर में अवैध रूप से रह रहे 3,888 अफगान शरणार्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
बता दें कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बाद, प्रवासियों की गिरफ्तारी और अफगान शरणार्थियों का जबरन निर्वासन पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है। एक प्रवासी ने बताया कि पूरे पाकिस्तान में रोजाना और रात, जबरन निर्वासन किया जा रहा है। हम अपने घरों के अंदर ही रहते हैं और बाहर नहीं जा सकते।
सम्मान के साथ वापस भेजा जाएगा
इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी ने एक बार फिर शरणार्थियों की अफगानिस्तान वापसी पर ज़ोर देते हुए कहा है कि अफगान प्रवासियों को सम्मान के साथ उनके देश वापस भेजा जाएगा। ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा: “जिस तरह हमने उनका सम्मान के साथ स्वागत किया, उसी तरह अब हम उन्हें उसी सम्मानजनक तरीके से उनके देश वापस भेजेंगे।”
पंजाब प्रांत से 22,000 अफगान नागरिक निर्वासित
दूसरी तरफ, पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने भी अंतिम अफगान शरणार्थी शिविर को बंद कर दिया है और प्रांत में अवैध रूप से रह रहे करीब 22,000 अफगान नागरिकों को निर्वासित कर दिया। पंजाब पुलिस के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अवैध रूप से रह रहे विदेशी (अफगान) नागरिकों को पंजाब से उनके देश भेजने के अभियान का यह तीसरा चरण है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार ने प्रांत में बिना कानूनी दर्जे के रह रहे लगभग 22,000 अफगान नागरिकों को इस महीने निर्वासित किया है।’’ प्रवक्ता ने बताया कि निर्वासित लोगों में 6,000 लोगों के पास निवास प्रमाण पत्र थे, 11,000 के पास अफगान नागरिक कार्ड थे और 5,041 लोग पंजाब में अवैध रूप से रहते पाए गए। वर्तमान में लगभग 423 लोगों को निर्धारित हिरासत केंद्रों पर रखा गया है।
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