नई दिल्ली। अफगानिस्तान और पाकिस्तान (Afghanistan – Pakistan) में बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तान सेना ने एक बार फिर डूरंड लाइन पर संघर्षविराम का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान की ओर से किए गए हवाई हमले में अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत में कम से कम 10 नागरिकों की मौत हो गई है, जिनमें तीन स्थानीय क्रिकेटर भी शामिल हैं। इसके अलावा आठ अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं।
अफगान मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला उरगुन जिले में हुआ, जब स्थानीय क्रिकेटर शराना (पक्तिया प्रांत की राजधानी) में एक फ्रेंडली मैच खेलने के बाद अपने गांव लौट रहे थे। इसी दौरान पाकिस्तान की ओर से की गई बमबारी ने उनके गांव को निशाना बनाया।
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने रद्द की पाकिस्तान यात्रा
हमले के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने पाकिस्तान में अगले महीने होने वाली टी20 त्रिकोणीय सीरीज से अपनी टीम को वापस लेने की घोषणा की। एसीबी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि, “हमारे खिलाड़ियों को उरगुन जिले में एकत्रित होने के दौरान निशाना बनाया गया। यह अत्यंत दुखद और अस्वीकार्य है।”
अमेरिका में निर्वासन में रह रहीं अफगानिस्तान की पूर्व सांसद मरियम सोलैमंखेल ने इस हमले की तीखी निंदा करते हुए इसे “कायराना और बर्बर कृत्य” बताया। उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए पाकिस्तान की सेना को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “हमें कोई आश्चर्य नहीं है। यह वही हिंसक पैटर्न है जिसे आईएसआई और पाकिस्तानी सेना दशकों से भारत से लेकर अफगानिस्तान तक फैलाती आई है। लेकिन अब जब छोटे बच्चों, माताओं और युवा क्रिकेटरों को मारा जा रहा है, यह दिल तोड़ देने वाला है।”
भारत से नजदीकी बढ़ने पर पाकिस्तान ‘घबराया’: सोलैमंखेल
सोलैमंखेल ने इस हमले को अफगानिस्तान और भारत के बीच बढ़ती कूटनीतिक नजदीकी से जोड़ा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की हालिया भारत यात्रा से बेचैनी हो रही है। उन्होंने कहा, “जब भी अफगानिस्तान हमारे भाईचारे वाले, ऐतिहासिक साझेदार भारत के करीब आता है, तो इससे पाकिस्तान की सेना को डर लगता है। उनकी पूरी अर्थव्यवस्था युद्ध और विनाश पर फलती-फूलती है। वे अफगानों और भारतीयों के बीच शांति बर्दाश्त नहीं कर सकते।”
‘रावलपिंडी की चरमपंथी विचारधारा के खिलाफ एकजुट हों’
सोलैमंखेल ने भारत और अफगानिस्तान से करीबी सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा, “हमें रावलपिंडी में पनपी इस उग्रवादी विचारधारा के खिलाफ एकजुट होना होगा। भारत ने हमेशा अफगान जनता के साथ खड़े होकर मदद की है। हमारी साझा संस्कृति और इतिहास को पाकिस्तान के निर्यात किए गए आतंकवाद को हराना होगा।”
पाकिस्तानी सेना प्रमुख को चेतावनी: ‘जो बोया है, वही काटोगे’
सोलैमंखेल ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को भी सीधा संदेश दिया, “आप वही काट रहे हैं जो आपने बोया है। आपने दशकों तक आतंकियों को पाला, उन्हें हथियार बनाया। अब जब वही आग आपके घर में लग रही है, तो हैरान मत होइए।” उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान की सरकार और सेना “प्रचार मशीन और ऑनलाइन ट्रोल नेटवर्क” के जरिए नागरिकों की मौतों को छिपाने की कोशिश कर रही है। वे कहते हैं कि वे टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं, लेकिन न तो किसी टीटीपी सदस्य का नाम बताया गया और न सबूत दिया गया। हमारे पास जो तस्वीरें हैं, वे अफगान बच्चों की हैं, जिनका खून बहाया गया।
क्षेत्रीय तनाव में नया अध्याय
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमावर्ती इलाकों में लगातार झड़पें बढ़ रही हैं। पाकिस्तान का कहना है कि वह टीटीपी के ठिकानों को निशाना बना रहा है, जबकि अफगानिस्तान का दावा है कि इस बहाने निर्दोष नागरिकों की हत्या की जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि यह क्षेत्रीय संबंधों में एक नया और गंभीर मोड़ साबित हो सकता है, खासकर ऐसे समय में जब अफगानिस्तान भारत के साथ राजनयिक संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है और पाकिस्तान को इससे असहजता हो रही है।
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