
डेस्क: सिर्फ भारत (India) ही नहीं बल्कि दुनियाभर में पाकिस्तान (Pakistan) की गरीबी और हाथ में कटोरा लेकर वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ, अमेरिका (America) और चीन (China) के सामने भीख मांगना काफी मशहूर है. वैसे वर्ल्ड बैंक (World Bank) और आईएमएफ दोनों का ये मानना है बीते कुछ बरसों में पाकिस्तान के हालात कुछ सुधरे हैं. महंगाई कम हुई है और राजनीतिक स्थिरता भी देखने को मिली है. जिसके बाद वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ से अरबों डॉलर भी मिला है. वहीं दूसरी ओर चीन से कर्ज पाकिस्तान को मिलता ही रहता है. उसके बाद पाक की इकोनॉमी को वो बूस्ट नहीं मिल सका है, जिसकी उसे जरुरत है.
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के पास प्राकृतिक संसाधनों का भंडार भी है. जिसका अभी तक दोहन नहीं हो सका है. अगर पाकिस्तान उसका दोहन शुरू कर दे और इंटरनेशनल मार्केट में उसका इस्तेमाल शुरू कर दे तो उसकी इकोनॉमी रॉकेट की तरह भागेगी. पाकिस्तान का इतना बड़ा कोयले का भंडार है, जिसकी वैल्यू कई ट्रिलियन डॉलर है. उस कोयले की कीमत अमेरिका और चीन की इकोनॉमी दोनों को जोड़ भी दिया जाए तो उससे भी ज्यादा है. अगर पाकिस्तान उस कोयले को एक साथ इंटरनेशनल मार्केट के प्राइसिंग के हिसाब से बेच दे तो वो दुनिया की नंबर वन इकोनॉमी भी बन सकता है.
पाकिस्तान में कोयले के बड़े भंडार मौजूद हैं, खासकर सिंध प्रांत में. अनुमान है कि देश में लगभग 185 बिलियन टन कोयला संसाधन हैं. पाकिस्तान में कोयला खनन मुख्य रूप से सिंध, पंजाब और बलूचिस्तान प्रांतों में होता है. Worldometer के अनुसार पाकिस्तान के पास 2016 तक 3,377 मिलियन टन प्रमाणित कोयला भंडार था, जो दुनिया में 20वें स्थान पर था. सिंध प्रांत में 175 बिलियन टन का सबसे बड़ा कोयला भंडार है.
रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान के पास अपने वार्षिक उपभोग स्तर से 331.1 गुना अधिक कोयला भंडार है, जिसका मतलब है कि उसके पास लगभग 331 साल का कोयला बचा है. औसतन, पाकिस्तान में 1000 कोयला खदानें संचालित होती हैं, जिनका कारोबार प्रतिदिन 50 मिलियन रुपए का होता है. पाकिस्तान में कोयला खनन मुख्य रूप से छोटे पैमाने पर किया जाता है, जिसमें कई खदानें निजी स्वामित्व में हैं. पाकिस्तान में कोयले का उपयोग मुख्य रूप से बिजली उत्पादन और सीमेंट उद्योग में किया जाता है.
जैसा कि हमने बताया कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में ही 750 बिलियन टन कोयले का भंडार है. खास बात तो ये है कि ये कोयले का भंडार 618 बिलियन बैरल क्रूड ऑयल के बराबर है. आपको बता दें कि मौजूदा समय में वेनेजुएला के पास कच्चे तेल का सबसे बड़ा रिजर्व है. जिसका वॉल्यू 300 अरब बैरल है. पाकिस्तान के पास उससे दोगुना कच्चे तेल के बराबर कोयले का भंडार है. अगर पूरे पाकिस्तान के कोयले के भंडार को जोड़ दिया जाए तो कितने अरब बैरल क्रूड ऑयल के बराबर कोयला पाकिस्तान के पास होगा. इसका मतलब है कि साफ है कि भले ही पाकिस्तान के पास पैसा ना हो, लेकिन प्राकृतिक संसाधनों के भरपूर भंडार हैं. जिनका उपयोग कर वो दुनिया की सुपर पॉवर बन सकता है.
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि पाकिस्तान के कोल रिजर्व की वैल्यू कितनी है. जैसा कि ऊपर बताया गया है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 175 बिलियन टन कोयला जो कि 618 बिलियन बैरल क्रूड ऑयल के बराबर है. तो मौजूदा समय में 1 बैरल कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल है. इसका मतलब है कि 618 बिलियन बैरल क्रूड ऑयल के दाम 43.26.26 टिलियन डॉलर होगी. इसका मतलब है कि पाकिस्तान की खरबों डॉलर का ऐसा खजाना है कि जिसे 300 साल तक खत्म होने की कोई आशंका नहीं है. पाकिस्तान कोयले से ही अपनी इकोनॉमी को आसमान पर लेकर जा सकता है. खास बात तो ये है कि चीन और अमेरिका की कुल जीडीपी से भी ज्यादा पाकिस्तान के पास कोयले का भंडार है.
खास बात तो ये है कि पाकिस्तान की कुल जीडीपी काफी कम है. वर्ल्ड बैंक के अनुमान के अनुसार 2024 पाकिस्तान की कुल जीडीपी 373 बिलियन डॉलर की है. खास बात तो ये है कि एक समय पाकिस्तान की कुल जीडीपी भारत टाटा ग्रुप के कुल मार्केट कैप से भी कम देखने को मिली थी. रिपोर्ट के अनुसार साल 2025 में पाकिस्तानी इकोनॉमी की ग्रोथ 2.68 फीसदी की रफ्तार से देखने को मिल सकती है. जबकि प्रति व्यक्ति आय 1824 डॉलर देखने को मिल सकती है. वैसे पाकिस्तान ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने कैपेक्स में कटौती की है. लेकिन अपने डिफेंस बजट में करीब 10 फीसदी का इजाफा किया है. जिसकी आलोचना काफी देशों ने की है. वो भी ऐसे समय पर जब पाकिस्तान खुद आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक के कर्ज के भरोसे पर जिंदा है.
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