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पाकिस्तान हाई कमीशन बना ISI का ‘रिक्रूटमेंट हब’, वीजा डेस्क से चल रहा जासूसी नेटवर्क

October 04, 2025

नई दिल्ली: राजधानी में मौजूद पाकिस्तान (Pakistan) हाई कमीशन (High Commission) की वीजा डेस्क (Visa Desk) अब सिर्फ वीजा जारी करने का दफ्तर नहीं रही. टॉप इंटेलिजेंस एजेंसियों की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक, यही डेस्क अब ISI का ‘Recruitment Hub’ बन चुकी है. यहां से भारतीय नागरिकों (Indian Citizens) को टारगेट करके उन्हें पैसों और लालच के जरिए जासूसी नेटवर्क (Spy Network) में फंसाया जा रहा है. 30 सितंबर को पलवल के रहने वाले सिविल इंजीनियर वसीम अकरम की गिरफ्तारी ने इस पूरे नेटवर्क की परतें खोल दी हैं. उसे Official Secrets Act और नए भारतीय दंड संहिता कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. वसीम दरअसल पाक हाई कमीशन के अधिकारी जाफर उर्फ मुजम्मिल हुसैन के लिए डेटा और दस्तावेज सप्लाई करने का काम करता था.

रिपोर्ट के मुताबिक, पाक हाई कमीशन के कर्मचारी वीजा करप्शन को ही जासूसी का एंट्री पॉइंट बना चुके हैं. वीजा प्रक्रिया के दौरान रिश्वत और लेन-देन के जरिये लोगों को धीरे-धीरे अपने कब्जे में लिया जाता है. यह ऑपरेशन खासतौर पर हरियाणा के नूह, पलवल और पंजाब के मलेरकोटला जैसे इलाकों में सक्रिय है, जहां भारत-पाक रिश्तों की वजह से कुछ परिवारों के रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं. इन्हीं ‘फैमिली वीजा’ की आड़ में ISI अपने एजेंट भर्ती करती है.


जांच में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी अफसर अपने लोकल एजेंट्स से संपर्क के लिए व्हाट्सएप, डिजिटल पेमेंट और फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. पैसों का लेन-देन अब ‘UPI’ और डिजिटल वॉलेट्स से होता है, जिससे ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है. पहले भी इसी पैटर्न पर पाकिस्तान हाई कमीशन के दो अधिकारियों – डैनिश उर्फ एहसान-उर-रहीम और जाफर – को ‘Persona Non Grata’ घोषित कर भारत से बाहर निकाला गया था. लेकिन नए अधिकारी फिर उसी मॉड्यूल को नए चेहरे और तकनीक के साथ चला रहे हैं.

वसीम अकरम की गिरफ्तारी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क की पहचान है. इंटेलिजेंस एजेंसियों का मानना है कि पाक हाई कमीशन की वीजा डेस्क को ISI ने संस्थागत तौर पर जासूसी हब बना दिया है. इस रणनीति को पाकिस्तान की ‘Hybrid Espionage Strategy’ कहा जा रहा है. भावनात्मक रिश्ता, पैसों का लालच और डिजिटल हेरफेर, तीनों को एक साथ इस्तेमाल किया जाता है.

भारत सरकार अब इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की तैयारी में है. सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही पाकिस्तान हाई कमीशन के कुछ और अधिकारियों को भी देश छोड़ने के आदेश दिए जा सकते हैं. यह मामला सिर्फ एक जासूसी नेटवर्क का नहीं, बल्कि पाकिस्तान द्वारा लगातार भारतीय लोकतंत्र और सुरक्षा ढांचे में सेंध लगाने की कोशिशों का सबूत है.

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