
डेस्क: न्यूयॉर्क (New York) में एक अजीब विडंबना सामने आई है. जिस पाकिस्तान (Pakistan) को आतंकवाद (Terrorism) को पालने वाले देश के रूप में जाना जाता है, उसी पाकिस्तान को आतंकवाद निरोधक कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया गया है. इस कमेटी की जिम्मेदारी अल्जीरिया (Algeria) को दी गई है, जबकि फ्रांस, पाकिस्तान और रूस उपाध्यक्ष के रूप में काम करेंगे. पाकिस्तान को छोड़ इन सभी देशों से भारत (India) के दोस्ताना रिश्ते हैं, वहीं पाक को ये जिम्मेदारी मिलने के बाद कहा जा रहा है कि चोर के हाथ में तिजोरी लग गई है.
भारत ने इससे पहले 2022 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधक समिति की अध्यक्षता की थी, जबकि 2021-22 का कार्यकाल अस्थायी सदस्य के रूप में था. बता दें पाकिस्तान 2025-26 के कार्यकाल के लिए 15 देशों वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है, जिसमें वह दो अनौपचारिक कार्य समूहों की सह-अध्यक्षता भी करेगा, जो दस्तावेजीकरण और प्रक्रियात्मक मामलों पर केंद्रित होगा और दूसरा सामान्य प्रतिबंधों के मुद्दों पर.
इस समय भारत UNSC का सदस्य नहीं है. जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा से बचने के लिए नई दिल्ली से अपेक्षा की जा रही है कि वह अपने रणनीतिक साझेदारों, विशेष रूप से P5 देशों और डेनमार्क जैसे गैर-स्थायी सदस्यों के साथ मिलकर काम करे. इस साल पाकिस्तान की 1988 समिति के अध्यक्ष और आतंकवाद-रोधी समिति के उपाध्यक्ष के रूप में भूमिका अहम रहने वाली है और ये भारत के लिए चिंता का विषय है.
UNSC में मंगलवार को हुए चुनावों में, पांच नए गैर-स्थायी सदस्यों को 1 जनवरी 2026 से शुरू होने वाले दो साल के कार्यकाल के लिए चुना गया है. इनमें बहरीन, कांगो, लाइबेरिया, लातविया और कोलंबिया शामिल हैं.
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