
इस्लामाबाद । इजरायल (Israel) के साथ यूएई, बहरीन, सूडान और मोरक्को जैसे इस्लामिक देशों (Islamic Countries) ने अपने रिश्ते सुधारे हैं। अब्राहम अकॉर्ड (Abraham Accord) के तहत ये देश इजरायल के साथ आए हैं। इसके अलावा सीरिया और इजरायल ने दशकों बाद पहली बार द्विपक्षीय वार्ता की है। तब से ही कयास लग रहे हैं कि सीरिया अब इजरायल के साथ रिश्ते सुधारने के लिए अब्राहम अकॉर्ड में शामिल हो सकता है। ऐसा हुआ तो फिर सीरिया और इजरायल के 77 साल बाद रिश्ते सुधर सकते हैं। दोनों के बीच बीचे 77 सालों से जंग जैसे हालात हैं। अब उनकी द्विपक्षीय मीटिंग की काफी चर्चाएं हैं। यही नहीं दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान को लेकर भी ऐसे कयास लगाए जाने लगे हैं कि वह अब्राहम अकॉर्ड में आ सकता है।
हालांकि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से जब इस बारे में सवाल पूछा गया को उन्होंने कोई स्पष्ट नहीं जवाब दिया। उन्होंने एक शर्त वाली बात जरूर कर दी कि यदि ऐसा कोई दबाव आता है तो हम मांग करेंगे कि फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर मान्यता मिले और यरूशलम को राजधानी बनाया जाए। उसकी यह शर्त ऐसी है, जो ना कभी पूरी होगी और ना ही पाकिस्तान अब्राहम अकॉर्ड का हिस्सा होगा। लेकिन इजरायल के नाम पर उसने इस बात बहुत तीखा रुख नहीं अपनाया। ऐसे में यह भी कयास लग रहे हैं कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आसिम मुनीर की मुलाकात के बाद स्थितियां कुछ बदल गई हैं।
अमेरिका का दबाव है क्या? सवाल पर क्या बोले ख्वाजा आसिफ
ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान अपने राष्ट्रीय हितों का ख्याल रखते हुए ही फैसला लेगा। उन्होंने कहा,’यदि हमारे ऊपर इस संबंध में कोई दबाव आया तो हम इस पर विचार करेंगे। लेकिन हमारी एक शर्त रहेगी कि फिलिस्तीन को एक अलग राष्ट्र की मान्यता मिले और उसकी राजधानी यरूशलम हो। ऐसा हुआ तो फिर हम इजरायल की मान्यता पर विचार करेंगे।’ उनसे इस मामले में अमेरिकी दबाव को लेकर भी सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि हम ऐसी किसी भी अमेरिकी पॉलिसी का हिस्सा नहीं बनेंगे, जो पाकिस्तान के हितों को नुकसान पहुंचाए। फिर भी उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का नोबेल प्राइज के लिए नामांकन करने को सही ठहराया।
इजरायली मीडिया में लेबनान के भी अब्राहम अकॉर्ड में आने की चर्चा
इस बीच इजरायली मीडिया में यह चर्चा भी है कि लेबनान भी अब्राहम अकॉर्ड का हिस्सा बन सकता है। डोनाल्ड ट्रंप ने भी रविवार को बताया था कि हम सीरिया समेत कई देशों के शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं। दरअसल लेबनान का भी कहना है कि हम इजरायल के साथ शांति चाहते हैं। तब से ही चर्चा है कि वह अब्राहम अकॉर्ड का हिस्सा हो सकता है।
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