
नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति(us President) डोनाल्ड ट्रंप(donald trump) की टैरिफ नीतियों(Tariff policies) के बीच अमेरिका(America) के द्वारा मनवाधिकार उल्लंघन(human rights violation) को लेकर एक वार्षिक रिपोर्ट जारी(Report released) किया गया है। इस रिपोर्ट में पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है। अमेरिका ने मंगलवार को अपनी इस रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान ने ऐसे मामलों में कभी-कभार ही विश्वसनीय कदम उठाए हैं। वहीं, इसमें भारत का भी जिक्र किया गया है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने इस बार वैश्विक मानवाधिकार रिपोर्ट का आकार काफी घटा दिया और कुछ सहयोगी देशों पर आलोचना का स्वर नरम कर दिया। इस साल भारत और पाकिस्तान पर आई रिपोर्टें काफी छोटी और कम तीखी रहीं। विश्लेषकों के अनुसार, यह रुख संभवतः कूटनीतिक और रणनीतिक कारणों से अपनाया गया है।
इस रिपोर्ट में भारत को लेकर कहा गया है कि, “सरकार ने मानवाधिकार उल्लंघन करने वाले अधिकारियों की पहचान और सजा के लिए न्यूनतम विश्वसनीय कदम उठाए।” वहीं पाकिस्तान का जिक्र करते हुए इस रिपोर्ट में कहा है, “सरकार ने मानवाधिकार उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ शायद ही कभी विश्वसनीय कदम उठाए।”
आपको बता दें कि हाल के वर्षों में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भारत, अमेरिका का महत्वपूर्ण साझेदार रहा है। हालांकि, ट्रंप प्रशासन के भारत से आने वाले माल पर 50% टैरिफ लगाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव देखा गया है। पाकिस्तान को अमेरिका ने गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा दे रखा है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें नफरत भरे भाषणों में बढ़ोतरी, नागरिकता कानून (CAA) जिसे संयुक्त राष्ट्र ने मूल रूप से भेदभावपूर्ण कहा है, धर्म परिवर्तन विरोधी कानून जो आस्था की स्वतंत्रता को चुनौती देते हैं, 2019 में मुस्लिम-बहुल कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करना और मुस्लिमों की संपत्तियों का ध्वस्तीकरण जैसे मामले शामिल हैं।
भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसकी नीतियां जैसे कि खाद्य सब्सिडी योजना और विद्युतीकरण अभियान सभी नागरिकों के लिए समान रूप से लाभकारी हैं।
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