
डेस्क: पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर ताबड़तोड़ प्रहार किया, तो पूर्वी सीमा पर भारतीय सेना बड़े अभ्यास में जुटी थी. उत्तर बंगाल के तीस्ता फील्ड एंड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना ने ‘तीस्ता प्रहार’ नामक सैन्य अभ्यास को अंजाम दिया. यह अभ्यास 8 मई को शुरू हुआ और 10 मई तक चला. इस अभ्यास में कॉम्बेट सिनर्जी को परखा गया. इस अभ्यास में फाइटिंग आर्म्स और सपोर्ट आर्म्स ने एक साथ हिस्सा लिया. समन्वय को परखा गया.
पैदल सेना, आर्टिलरी, टैंक, मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री, पैरा स्पेशल फोर्स, आर्मी एविएशन, इंजीनियर्स और सिग्नल कोर सभी ने अपनी तैयारियों को धार दी. खास बात यह है कि भारतीय सेना में शामिल किए गए नए तकनीक के हथियारों, जिसमें हर तरह के ड्रोन, रोबोटिक म्यूल, मिलिट्री प्लेटफॉर्म और एडवांस बैटल फील्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया.
चीन की नजरें हमेशा ही पूर्वोत्तर पर टेढ़ी रही हैं. धीरे-धीरे वह सिक्किम के पास डोकलाम से जामफेरी रिज तक जाने का सपना देख रहा है. मकसद है चिकन नेक पर नजर रखना. भारतीय सेना ने भविष्य में ऐसे किसी भी दुस्साहस को जवाब देने की तैयारी की है. 3 महीने में 3 बड़े सैन्य अभ्यास किए गए. इसी साल फरवरी में ‘प्रचंड प्रहार’ को अंजाम दिया गया था. इसके बाद मार्च में पूर्वी कमांड ने ‘ट्राई सर्विसेज इंटिग्रेटेड मल्टी डोमेन वॉरफेयर’ अभ्यास किया था.
यह अभ्यास 25 मार्च को शुरू हुआ और 3 दिन चला था. इस अभ्यास में एडवांस सर्विलांस, सटीक स्ट्राइक करने की क्षमता, आधुनिक तकनीक और उपकरण के जरिए ऑपरेशन के प्लान को दर्शाया गया था. तीनों सेनाओं के अंगों ने मिलकर इस अभ्यास में हिस्सा लिया था. नेवी के लंबी दूरी तक टोह लेने वाले विमान, आर्मड हेलिकॉप्टर, यूएवी, लॉयटरिंग म्युनिशन और सैटेलाइट के जरिए हालातों का सही आंकलन और रैपिड टार्गेट एंगेजमेंट की तैयारियों को धार दी गई थी. ‘तीस्ता प्रहार’ तीन महीने में तीसरा अभ्यास है.
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