
डेस्क। पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) अंतरिक्ष (Space) के क्षेत्र में बड़ी प्लानिंग कर रहे हैं। चीन ने हाल ही में कहा है कि वह 2026 में पाकिस्तान के पहले अंतरिक्ष यात्री को स्पेस में भेजेगा। वैसे देखा जाए तो पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क बन चुका है जो हर चीज के लिए चीन की तरफ झोली फैला देता है। अब चीन पाकिस्तानी एस्ट्रोनॉट (Astronaut) को स्पेस भेजेगा इस खबर से पूरे पाकिस्तानी फूले नहीं समा रहा है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो चीन की सहायता से पाकिस्तान उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जिनके नागरिकों ने अंतरिक्ष की यात्रा की है।
चीन और पाकिस्तान के अंतरिक्ष सहयोग पर नजर हम आगे डालेंगे लेकिन उससे यहां यह जान लें कि पाकिस्तान मौजूदा समय में चीन पर पूरी तरह से निर्भर है। हाल के वर्षों में तीन सैटेलाइट लॉन्च हुए है जिसमें चीन ने पाकिस्तान की मदद की है। अब 2026 में भी पहला एस्ट्रोनॉट भेजने की योजना भी पाकिस्तान को चीन का ही सहारा है। दोनों देशों की प्लानिंग की बात करें तो चीन ऐसा करके बताना चाहता है कि वह पाकिस्तान के लिए कितनी बड़ी मदद कर रहा है वहीं पाकिस्तान का प्लान यह होगा कि इससे वह अपने लोगों को खुश कर पाएगा।
वैसे पिछले कुछ वर्षों में चीन और पाकिस्तान के अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी CNSA (China National Space Administration) और पाकिस्तान की अंतरिक्ष एजेंसी SUPARCO (Space & Upper Atmosphere Research Commission) के बीच साझेदारी मजबूत हुई है। हाल ही में पाकिस्तान ने जलवायु परिवर्तन से संबंधित खतरों की निगरानी और प्रतिक्रिया की अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए चीन से एक नए रिमोट सेंसिंग उपग्रह का प्रक्षेपण किया था।
पाकिस्तान ने 1961 में SUPARCO की स्थापना की थी। 1962 में पहला रॉकेट ‘रहबर-1’ लॉन्च हुआ, जो उस समय बड़ी उपलब्धि थी। इसके बाद पाकिस्तान की गति थम गई और पहला उपग्रह ‘बदर-1’ 1990 में लॉन्च किया गया। 1990 के बाद लगा कि पाकिस्तान फिर से स्पेस के क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसके बाद चीन ने पाकिस्तान के लिए 2018 में ‘PRSS-1’ नाम का रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट लॉन्च किया और बात अंतरिक्ष यात्री को स्पेस भेजने तक पहुंच चुकी है।
चीन की मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम (Shenzhou Mission) दुनिया के अग्रणी अंतरिक्ष कार्यक्रमों में गिना जाता है। इस मिशन के तहत चीन ने अपना स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन ‘Tiangong’ (तियांगोंग) स्थापित किया है। चीन एक ऐसा देश है जिसके पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन है। अब पाकिस्तान भी चीन पीछे-पीछे चलकर अपने लोगों को यह दिखाना चाहता है कि उसके देश के नागरिक भी अंतरिक्ष में जा सकते हैं। सच्चाई चाहे जो भी हो लेकिन पाकिस्तानियों को खुश करने के लिए इतना काफी है।
वैसे देखा जाए तो यहां पाकिस्तान के पास कुछ खोने को नहीं है। जो भी मिलेगा उसके लिए बोनस ही होगा। मिशन पाकिस्तान के लिए इसलिए भी खास होगा क्योंकि इससे पाकिस्तान को अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में गति लाने का मौका मिलेगा। हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं हैं। पाकिस्तान का घरेलू स्पेस प्रोग्राम अभी भी तकनीकी रूप से बेहद कमजोर है। विदेशी सहयोग पर अत्यधिक निर्भरता इसकी आत्मनिर्भरता को प्रभावित कर सकती है।
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