इस्लामाबाद। 11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने चार विमानों का अपहरण (Hijacking of planes) कर अमेरिका (US) को हिला दिया। दो विमान न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर से टकराए। तीसरा पेंटागन से और चौथा विमान पेंसिलवेनिया के एक खेत में गिरा। इस घटना में करीब 3,000 निर्दोष लोगों की मौत हुई। यह अमेरिका की धरती पर अब तक का सबसे भीषण आतंकी हमला था। हालांकि इसके कुछ वर्षों के बाद अमेरिका ने इस आतंकी हमले में शामिल ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में घुसकर मार दिया।
खालिद शेख मोहम्मद का जन्म 14 अप्रैल 1965 को कुवैत, बलूचिस्तान या फिर पाकिस्तान में से किसी एक जगह पर हुआ था। अलग-अलग रिपोर्ट में अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। उसने अमेरिका से 1986 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। वह 1993 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर धमाके का दोषी रमजी यूसुफ का चाचा था। वह अलकायदा का पूर्व प्रचार प्रमुख और 9/11 हमलों का मुख्य योजनाकार भी था। खालिद शेख मोहम्मद न सिर्फ 9/11 हमलों की योजना बनाई, बल्कि 1993 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बम धमाका, 2002 बाली बम धमाके, पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या और अन्य बड़े आतंकी अभियानों में भी हाथ था।
खालिद शेख मोहम्मद को पकड़ने की कोशिशें 9/11 से पहले भी हो चुकी थीं, लेकिन CIA की आंतरिक गड़बड़ियों और अफसरशाही ने उसे सालों तक छिपे रहने दिया। कई बार CIA ने “एसेट X” को लगभग खो ही दिया था। भुगतान में देरी, नए हैंडलरों की लापरवाही और संवाद में कमी के कारण ऐसा हुआ था। आखिरकार, मार्च 2003 में “एसेट X” की सूचना पर CIA और पाकिस्तानी एजेंसियों ने रावलपिंडी के सेफहाउस पर धावा बोला और बिना किसी प्रतिरोध के खालिद शेख मोहम्मद को पकड़ लिया।
रूह कंपा देने वाली सजा
गिरफ्तारी के बाद खालिद शेख मोहम्मद को CIA के गुप्त ठिकानों (अफगानिस्तान, पोलैंड) ले जाया गया। वहां उसके साथ कथित तौर पर अमानवीय बर्ताव हुआ। उसे दीवार से बार-बार टकराया जाता था। स्लीप डिप्रिवेशन भी दी गई, जिसमें 7-8 दिन तक सोने नहीं दिया गया। रेक्टल रिहाइड्रेशन नामक विवादास्पद तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया। कम से कम 183 बार उसे पानी में डूबोया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक यातनाओं के कारण खालिद शेख मोहम्मद ने कई झूठे बयान दिए। बाद में उसने खुद स्वीकार किया कि कई बातें गढ़ी हुई थीं।
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और CIA प्रमुखों ने दावा किया था कि खालिद शेख मोहम्मद की गिरफ्तारी अबू जुबैदा जैसे अन्य बंदियों से मिली जानकारी से हुई, लेकिन सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी की 2014 की रिपोर्ट ने इसे खारिज किया। असल में खालिद शेख मोहम्मद तक पहुंचाने वाला कोई और नहीं बल्कि “एसेट X” ही था।
आज भी खालिद शेख मोहम्मद ग्वांतानामो बे जेल में बंद है और उस पर सैन्य ट्रिब्यूनल में मुकदमा चल रहा है।
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