
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सेना प्रमुख (Pakistan Army Chief) फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ( Field Marshal Asim Munir) ने गुरुवार को कहा कि इस्लामाबाद (Islamabad) जल मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करेगा, क्योंकि यह देश के 24 करोड़ लोगों के मूल अधिकारों से जुड़ा है। इसके अलावा वह भारत (India) पर आतंकवाद फैलाने के आरोप लगा रहे हैं। जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता तोड़ दिया था।
सेना के अनुसार जनरल मुनीर ने यह टिप्पणी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, प्राचार्यों और वरिष्ठ शिक्षकों एवं शिक्षाविदों से बातचीत में की। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान कभी भी भारतीय आधिपत्य को स्वीकार नहीं करेगा।’ पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के भारत के कदम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम 24 करोड़ पाकिस्तानियों के इस बुनियादी अधिकार पर कोई समझौता नहीं होने देंगे।’ मुनीर ने यह भी दावा किया कि बलूचिस्तान में आतंकवादियों को भारत का समर्थन प्राप्त है और प्रांत में अशांति फैलाने वाले आतंकवादियों का संबंध बलोच लोगों से है।
भारत की दो टूक
भारत ने गुरुवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी हो सकती है जब वह सीमा पार आतंकवाद बंद कर दे। भारत की यह टिप्पणी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा कश्मीर, आतंकवाद, जल और व्यापार समेत सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत के साथ शांति वार्ता करने की इच्छा व्यक्त करने के जवाब में आई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘हम दोहराना चाहेंगे कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।’ उनका यह बयान तब आया जब उनसे इस सप्ताह तेहरान में शरीफ की उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति वार्ता करना चाहता है।
जायसवाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत, पाकिस्तान के साथ केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को नयी दिल्ली को सौंपने और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत करेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उन आतंकवादियों को भारत को सौंपना चाहिए, जिनकी सूची हमने कुछ वर्ष पहले उसे सौंपी थी।
उन्होंने कहा, ‘जहां तक सिंधु जल संधि का सवाल है, यह तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता और जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था: ‘आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते, आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते, तथा पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।’
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